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अवैध कोयला कारोबार का केंद्र बना हुआ है रानीगंज , फिर जब्त हुआ अवैध ओसीपी , पुलिस -सीआईएसएफ़ को नहीं थी खबर

प० बंगाल के कोयलाञ्चल में अवैध कारोबार व्यापक पैमाने पर और संगठित स्तर से चल रही है । मंडे मॉर्निंग लगातार इसपर खबरें भी प्रकाशित करता रहा है । इसकी एक और बानगी बीते 18 सितंबर बुधवार को मिली जब ईसीएल सातग्राम एरिया के निमचा आर कोलियरी के निकट हाड़भाँगा इलाके में कोलियरी प्रबंधन ने बड़े अवैध ओसीपी को जब्त किया ।

निमचा के अवैध खदान से 7 जेसीबी मशीन, तीन हाइवा और करीब सौ टन अवैध कोयला जब्त हुआ

यह अवैध ओसीपी कितना बड़ा था इसका अनुमान इस बात से लगाएँ कि वहाँ से 7 जेसीबी मशीन, तीन हाइवा और करीब सौ टन अवैध कोयला जब्त हुआ है । हमेशा की तरह इस बार भी स्थानीय पुलिस और सीआईएसएफ़ को इस अवैध खदान की सूचना छापा मारने पहुँचे टास्कफोर्स ने दिया । तब जाकर वे घटनास्थल पर पहुँचे और जब्ती की प्रक्रिया शुरू हुयी ।

पुलिस और सीआईएसएफ़ को फोन करके बुलाया गया

अब यहाँ समझने वाली बात यह है कि जिन लोगों की ज़िम्मेदारी है कि वो सरकारी संपत्ति की सुरक्षा करें । इस बाबत वे तनख़्वाह लेते हैं और उन्हें खबर नहीं होती है कि उनके नाक के नीचे से इतना बड़ा अवैध ओसीपी चल रहा है । या फिर वे जानबूझ कर भी अनदेखा कर सकते हैं । बहरहाल सच्चाई तो यही है कि ईसीएल क्षेत्र में लगातार अवैध कोयले, डिपो और अवैध ओसीपी जब्त हो रहे हैं और सभी मामले में पहली कार्यवाही प्रबंधन द्वारा ही की गयी है, पुलिस प्रशासन और सीआईएसएफ़ को प्रबंधन अधिकारी ही फोन करके घटनास्थल पर बुलाते हैं ।

मंडे मॉर्निंग ने पहले भी कई खबरें प्रकाशित की है

कुछ दिन पहले ही हमने एक एक वीडियो प्रकाशित किया था जिसमें दिखाया गया था कि रानीगंज के वरदही, रोनाई क्षेत्र में किस प्रकार खुले आम अवैध कोयला खदान चलता है । उसी प्रकार रानीगंज के निमचा फांड़ी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खदान चलते हैं जिसे मंडे मॉर्निंग ने कई बार प्रकाशित भी किया है ।

पैड पर पास होती है गाडियाँ

जिस प्रकार वैध कोयला ले जाने के लिए ईसीएल द्वारा चालान दिया जाता है उसी प्रकार अवैध कोयला ले जाने के लिए पैड चलता है । यह पैड प्रथा वाम जमाने से चलता आ रहा है । सत्ता परिवर्तन के बाद पहले कार्यकाल में इस पर रोक लगी थी लेकिन दूसरे कार्यकाल में फिर से शुरू हो गयी । कोयलाञ्चल के ही कुछ बड़े नाम यह पैड जारी करते हैं । जिन गाड़ियों के पास यह पैड होता है उसे अन्य किसी भी परमिट की आवश्यकता नहीं होती है । रात के अंधेरे में अवैध कोयले से लदी फर्राटे भरती गाडियाँ दिख जाना बहुत आम है। जबकि रात में ईसीएल द्वारा कोयले की लोडिंग नहीं होती है ।

रानीगंज मुख्य केंद्र बना हुआ है

रानीगंज थाना क्षेत्र में तो अवैध कोयला खदान चल ही रहे हैं यह मेजिया से आने वाले अवैध कोयले का भी मुख्य मार्ग है । बांकुड़ा जिले के मेजिया, अर्धग्राम में तो यहाँ से भी बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खदान चलता है और सभी कोयले रानीगंज होते हुये ही निकलते हैं ।

वह भी यह सब तब हो रहा है जब रानीगंज इंस्पेक्टर थाना है अर्थात रानीगंज थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी हैं । जबकि बाकी के सभी थानों के प्रभारी सहायक इंस्पेक्टर रैंक के हैं ।

हर रोज लाखों का राजस्व चोरी हो रहा है

कोयले की बिक्री से राज्य सरकार को रायल्टी मिलती है और यह रॉयल्टी की रकम बहुत बड़ी होती है तभी तो बीरभूम में कोल ब्लॉक उद्घाटन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण देने ममता बनर्जी स्वयं गयी थी ।

राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है कोयले से मिलने वाली रॉयल्टी । लेकिन इन कोयले की चोरी से हर रोज राज्य सरकार के लाखों रुपये की रॉयल्टी की चोरी होती है ।

मुख्य आरोपी पकड़ने की कोशिश ही नहीं की जाती है

बीच – बीच अवैध कोयले जब्ती की खबरें तो आती है लेकिन मुख्य सरगना के नहीं पकड़े जाने के कारण कभी बंद नहीं होती है । मुख्य सरगना के साथ अवैध कोयले के खरीददार जब तक पकड़े नहीं जाएँगे तब तक यह मात्र एक खानापूर्ति और जनता के आँखों में धूल झोंकने वाली कार्यवाही ही कही जाएगी

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Last updated: सितम्बर 21st, 2019 by Pankaj Chandravancee