उदयमान सूर्य उपासना एवं लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा बुधवार को उदीयमान सूर्य के अर्घ्य देने के बाद संपन्न हो गया और 36 घंटे का निर्जला उपवास की समाप्ति हो गई. छठी मैया गीत के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ का अर्ध्य अस्ताचलगामी भगवान् भास्कर को प्रदान किया गया. बैंड बाजे के साथ-साथ एक ओर जहाँ छठ व्रती दंडवत प्रणाम करते हुए घाटों पर पहुँचे वहीं दूसरी ओर सिर पर दौरा तथा सूप लेकर छठ घाट पहुँचे.
बच्चे बूढ़े जवान साफ-सुथरा वस्त्र पहनकर प्रथम अर्ध्य देने तथा भगवान सूर्य देवता का आशीर्वाद लेने के लिए रानीगंज के बरदही तालाब, अन्नपूर्णा लेन बुजीर बांध तालाब, हथिया तालाब यमुना बांध, सेआरसोल पंडित पोखर, पंजाबी मोड़ 6 नंबर तालाब, शीतल दास कौवा पोखर, रानीशहर रानीसर तालाब के अलावा दामोदर नदी में हजारों की संख्या में छठ व्रती एवं भक्तगण पहुँचे एवं इस अवसर पर भगवान सूर्य देवता को दूध तथा पानी अर्ध्य के रूप में प्रदान किया.
छठ को लेकर प्रशासन की ओर से चौकस प्रबंध की गई थी. घाटों में पुलिसकर्मी मौजूद थे. इस दौरान बोरो चेरपर्सन संगीता शारदा ने सभी घाटो का मुआयना की. छठ पूजा कमेटी भी जी जान से जुटे हुए नजर आए. जागृति संघ तथा मॉर्निंग वाकर, सैलपुत्रि व अन्य संस्थाओं द्वारा छठ ब्रतीयो के लिए पानी-चाय की व्यवस्था गईं.