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एग्री मार्केटिंग टेक्स को लेकर चेम्बर प्रतिनिधि मिला मंत्री से

मंत्री से मुलाकात करते प्रतिनिधि मंडल

कोलकाता -एग्री मार्केटिंग टैक्स समेत अन्य व्यापारिक समस्याओं को लेकर शुक्रवार को रानीगंज चैंबर ऑफ़ कॉमर्स का एक प्रतिनिधि दल कोलकाता स्थित खाद्य भवन में राज्य कृषि मंत्री तपन दासगुप्ता एवं कृषि विपणन कर के प्रधान सचिव राजीव सिन्हा से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में शिव कुमार अग्रवाल, महेश झुनझुनवाला (बाराकर चैंबर ऑफ कॉमर्स), सचिन बल्लोदिया, राजेश डोकानिया (नियामतपुर मर्चेंट चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री), संदीप भलोटीया, अशोक सराफ,उज्जल मंडल, रोहित खेतान (रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स) उपस्थित थे.

मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मंत्री श्री दासगुप्ता से अनुरोध किया कि पश्चिम बर्धमान जिले से कृषि विपणन कर हटाया जाना चाहिए क्योंकि अपने राज्य के कोलकाता और पड़ोसी राज्य झारखंड में ऐसा कोई कर लागू नहीं है. मंत्री श्री दासगुप्ता ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी से व्यक्तिगत रूप से बात करके समस्या का निदान अवश्य किया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि कृषि विपणन के तहत वो पूरी प्रक्रिया शामिल हो जाती है, जिसके जरिये कृषि उपज से लेकर उपभोक्ता तक उत्पाद पहुँचता है. व्यापारिक संगठनों का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सिर्फ पश्चिम बर्धमान जिले में कृषि विपणन कर लागु कर दिया गया है, जबकि कोलकाता के व्यावसाई इस कर के तहत नहीं आते है. साथ ही पडोसी राज्य झारखण्ड में भी यह कर लागू नहीं है.

प्रतिनिधि दल का कहना है कि कृषि उत्पादों में अतिरिक्त टैक्स लागु कर देने से किसानो और आम जनता को परेशानी होगी, क्योंकि कृषि उत्पाद को यदि कोई व्यापारी अतिरिक्त कर देकर खरीदेगा तो उसे विक्रय करने के लिए उत्पादों में अतिरिक्त शुल्क बढाने होंगे. परिणाम स्वरूप खाद्य पदार्थो के दामो में वृद्धि होगी. जिसका सीधा असर किसान और आम जनता पर पड़ेगा. इसलिए आज यहाँ कृषि मंत्री और प्रधान सचिव से मुलाकात कर,

इस समस्या को उनके समक्ष रखा गया, जिससे व्यापारियों-किसानो और आम जनता को सुविधा प्रदान हो सके. प्रतिनिधि दल ने बताया कि इस समस्या को लेकर आज भारत व्यापारिक बंद की घोषणा की गई थी, लेकिन राज्य सरकार के अनुरोध पर उसे स्थगित कर दिया गया. आज के मुलाकात पर यदि राज्य सरकार साकारात्मक पहल करती है तो ठीक है, नहीं तो व्यापारिक बंदी पर आगे रणनीति बनाई जाएगी.

Last updated: सितम्बर 28th, 2018 by News Desk