बुधवार को आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के आचार्य नागर्जुन विश्वविद्यालय में भारतीय आर्थिक परिषद के शताब्दी समारोह का उद्घाटन भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के द्वारा किया गया। राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में अर्थशास्त्रियों से आह्वान किया कि भारत में समतामूलक विकास एवं दलितोत्थान में प्रभावकारी नीतियों का निरूपण अनिवार्य है। मोहम्मद यूनुस ने स्पष्ट किया कि ग़रीबी का कारण गरीबी नही है, वरन गरीबी ऊपर से थोपा हुआ अभिशाप है। जिसके निराकरण हेतु गरीबों को जागृत कर गरीबी दूर करने का प्रयास करना चाहिये। डॉ रंगराजन ने कहा कि भारत मे मौद्रिक नीति तभी सफल होगा जब सरकार और रिजर्व बैंक के बीच आपसी समन्वय एवं सहयोग होगा।
4 दिवसीय शताब्दी समारोह में मुख्य आकर्षण बांग्लादेश के नोबेल विजेता डॉ मोहम्मद यूनुस,आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई. एस. एल नशिमहं आंध्रा के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, शिक्षामंत्री घंटा श्रीनिवासरॉव , आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए. राजेंद्र प्रसाद ,सम्मेलन के अध्यक्ष तथा आरबीआइ के पूर्व गवर्नर डॉ सी.रंगराजन , यूजीसी एवं आईसीएसएसआर के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय आर्थिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर सुखदेव थोर्राट के साथ साथ परिषद के महासचिव सह कोषाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ठाकुर है।
पाँच विषयों पर होगी चर्चा
27 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक आयोजित सम्मेलन में मुख्यतया 5 विषयों पर विशद परिचर्चा एवं आलेखों की प्रस्तुति भारत सहित विभिन्न विदेशों से आये प्रतिभागियों द्वारा होगी।इन प्रधान विषयों पर चर्चा होगी।
1.भारतीय अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा।
2.विकास प्रक्रिया में मौद्रिक और राजकोषीय नीति की भूमिका।
3.भारत बनाम वैश्विक अर्थव्यवस्था।
4.रोजगार ,गरीबी, शिक्षा सामाजिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न समस्याएं।
5.कृषि, उद्योग, सेवा क्षेत्रों के बदलते परिवेश।
मधुपुर से कई अतिथि शामिल हुये
सम्मेलन में झारखंड के कई प्रतिभागी अर्थशास्त्री एवं शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। जिनमे ए. एस. कॉलेज देवघर के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर नागेश्वर शर्मा , मधुपुर महाविद्यालय मधुपुर के पूर्व प्राचार्य व भारतीय आर्थिक परिषद के झारखंड प्रदेश से कार्यकारी सदस्य व अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एन. सी. झा , मधुपुर महाविद्यालय-मधुपुर के वाणिज्य विभाग के रामचन्द्र झा सम्मिलित हुए।