
इस बार दो दिन पूर्णिमा तिथि पड़ रही है 11 को जो पूर्णिमा है उसमें भद्रा नक्षत्र भी है
इस बार रक्षाबंधन को लेकर बहुत ज्यादा ही कंफ्यूजन है लोगों में और हो भी क्यों नहीं असल में भाई बहन का यह त्योहार पूर्णिामा के दिन मनाया जाता है. लेकिन इस बार पूर्णिमा के दिन भद्रा नक्षत्र पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है. दरअसल भद्रा काल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है. रक्षाबंधन किस दिन मनाना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं कि 11 या 12 कौन सा दिन सही रहेगा 12 अगस्त की सावन पूर्णिमा को पंचक योग लग रहा है. इसके अलावा सौभाग्य योग, अभिजीत योग भी शामिल हैं. इस बार दो दिन पूर्णिमा तिथि पड़ रही है 11 को जो पूर्णिमा है उसमें भद्रा नक्षत्र भी पड़ रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है. इस लिहाज से 12 को ही रक्षाबंधन का यह पर्व पड़ेगा
कब है शुभ मुहूर्त,
तीन पंचांगो के अनुसार जिसमें श्री हनुमान पंचांग, हृषिकेष पंचांग, महावीर पंचांग और अन्नपूर्णा पंचांग शामिल हैं. 11 अगस्त को सूर्योदय प्रात: 5 बजकर 30 मिनट में हो रहा है. इस दिन पूर्णिमा का मान दिन में 9 बजकर 35 मिनट पर है. लेकिन उसी समय यानि 9.35 दिन में पूर्णिमा के साथ भद्रा का भी प्रारंभ हो रहा है. भद्रा का साया रात्रि 8.25 तक का हैँ,12 अगस्त को प्रात: सूर्योदय 5 बजकर 31 मिनट पर होगा और पूर्णिमा का मान प्रात: 7 बजकर 17 मिनट तक है.पूरब दिशा में भाई का मुंह कर बांधे राखी,
धार्मिक मान्यता है कि राखी बांधते वक्त भाई का मुंह पूरब दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए. राखी बांधने के लिए सबसे पहले अपने भाई के माथे पर रोली-चंदन और अक्षत का टीका लगाएं.इसके बाद भाई को घी के दीपक से आरती करें. उसके बाद राखी बांधकर उनका मुंह मीठा कराएं. इसके बाद अगर संभव हो तो सप्रेम भोजन के लिए आग्रह करें, तो सभी कंफ्यूजन को दरकिनार करते हुए राखी पर्व 12 अगस्त यानी की शुक्रवार को मनाई जाएगी इस महापर्व के मद्देनज़र सज गए हैँ बाजार जहाँ जरुरत के हिसाब से लोग खरीदारी भी कर रहे हैँ वहीँ इस रक्षाबंधन पर्व को लेकर झरिया बाजार में लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही हैँ