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हर्षोल्लास के साथ मनाई गई 200 वर्ष प्राचीन रक्षा काली पूजा

रानीगंज। प्रसिद्ध माँ रक्षा काली की पूजा बीते वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कांटा गुड़िया ग्राम में हर्षउल्लास के साथ मनाई जा रही है ।

परंपरा के अनुसार शुक्रवार को नीमचा ग्राम स्थित काली मंदिर से माँ काली को बाजे गाजे के साथ भक्तों ने अपने सिर पर रख कर कांटा गोड़िया स्थित काली मंदिर लेकर आए। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में जिन भक्तों के देवी ने मुराद पूरे किए भक्तों ने ग्राम के बाहर से मंदिर तक मंदिर प्रांगण तक दंड देकर माँ काली की पूजा अर्चना किया। इस मौके पर संजीव पांडे ने बताया बीते 200 वर्ष प्राचीन इस रक्षा काली पूजा का आयोजन की शुरूआत स्व0 उपेंद्र नाथ पांडे ने किया था।

बताया जाता है कि ग्राम में डायरिया तथा अन्य तत्कालीन समय के जानलेवा बीमारी के रोकथाम के लिए माँ काली की पूजा अर्चना आरंभ की गई थी। माँ काली को काटा गुड़िया स्थित काली मंदिर में लाकर पूजा अर्चना आरम्भ की गई थी एवं तब से प्रत्येक वर्ष यह परंपरा पूरे ग्राम के आदमी निभा रहे हैं। दो दिवसीय इस पूजा के तहत पूरे ग्राम में उत्सव का माहौल रहता है। दूर-दराज के भक्तों का आगमन इस दौरान होता है ।

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान एक और जहाँ इस वर्ष भी शुक्रवार को माँ काली को कांटागोड़िया काली मंदिर में लाई गई है वहीं पूरे ग्रामवासी आज निरामिष भोजन करते हैं। जबकि शनिवार प्रात से ही देवी की पूजा अर्चना आरंभ होगी जो संध्या 4:00 बजे तक चलेगी, तत्पश्चात जिन लोगों की मन्नत पूरी हुई है वह माँ काली को पाठा बलि देंगे।

पूजा के दिन शनिवार प्रातः से उपवास किए हुए भक्तजन फल प्रसाद ग्रहण कर भोजन करेंगे। संजीव पांडे ने बताया कि पूजा के दौरान शुक्रवार को जहाँ ग्राम में कीर्तन आयोजन की गई थी जिसमें कोलकाता से आए कलाकार कीर्तन की प्रस्तुति की थी, वहीं दूसरी ओर शनिवार को ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूजा के तहत पूरे ग्रामवासी के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

Last updated: मई 24th, 2019 by Raniganj correspondent