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निहत्थे मीडिया कर्मियों पर बर्बर पुलिसिया लाठीचार्ज

पत्रकारों में भारी आक्रोश

रांची -झारखण्ड स्थापना दिवस के पावन अवसर पर मोराबादी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में राज्य सरकार द्वारा आमंत्रित मीडिया कवरेज कर रहे निरीह और निहत्थे मीडिया कर्मियों पर बर्बर पुलिसिया लाठीचार्ज और उससे भी आगे जाकर कैमरा तोड़ने, तस्वीर डिलीट करने की घटना से राज्य और देश के पत्रकारों में भारी आक्रोश है.

प्रेस क्लब ने दोषियों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा

इस सिलसिले में रांची प्रेस क्लब की अगुवायी में स्थानीय लालपुर थाने में दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. शनिवार को पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला और दोषियों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। बताया जाता है कि राज्य पुलिस और रैफ के जवानों ने लोकल प्रशासन के निर्देश पर पत्रकारों पर हमला किया। निहत्थे पत्रकारों को बुलाकर उन्हें कार्य से रोकना और पुलिसिया डंडे से अधमरा करना आपातकाल की याद दिलाती है।

सत्ता दल ने सहानुभूति के दो शब्द तक नहीं बोले

इसका सबसे दुःखद पहलू यह भी है कि अबतक विरोधी राजनीतिक पार्टियों को छोड़ सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं ने पत्रकारों के बारे में सहानुभूति के दो शब्द तक नहीं बोले हैं।

शिक्षक संघर्ष मोर्चा रघुवर दास का पुतला दहन किया

धनबाद -एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बेनर तले अध्यक्ष नवीन चन्द्र सिंह की अध्यक्षता में टुण्डी प्रखंड के सैकड़ों पारा शिक्षक 15 नवम्बर 2018 स्थापना दिवस के दिन पारा शिक्षकों पर बर्बरता पूर्वक हुए लाठी चार्ज और बेगुनाह पारा शिक्षकों के ऊपर हुए एफआईआर के खिलाफ सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास का पुतला दहन टुण्डी प्रखंड संसाधन केन्द्र के प्रांगण में किया गया. पारा शिक्षकों के नारा रघुवर दास मुरदाबाद, रघुवर दास हाय -हाय, रघुवर दास की मनमानी नहीं चलेगी, शिक्षा सचिव अमरेन्द्र सिंह को तुरंत हटाओ से माहौल गुंज उठा.

इसमें पारा शिक्षकों में प्रखंड सचिव महमुद आलम, प्रखंड संगठन मंत्री कॉमेस हॉसदा, जिला संयुक्त सचिव अलोक बनर्जी, सुबोध कु. डांगी, राजनारायण गोस्वामी, सिद्धेश्वर रजवार, जमशेद अंसारी, इरफान अंसारी, नारायण दे, कामाख्या नारायण मिश्र, पंकज विश्वकर्मा, सुखन महतो, लक्ष्मण राय, सुबोध पाण्डेय,श्यामनन्दन,मलयाशीष बनर्जी, मनोज पाठक, मनोज महरा, दिलीप मोदक, बिनोद हॉसदा, सत्येन्द्र चौधरी, अनिल राजवंशी, सुरेश राम गुप्ता, विक्रम गुप्ता, लीलानाथ मंडल, गोविन्द राम आदि सैकड़ों पारा शिक्षक थे ।

दो लाख बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित रहे

पारा शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण प्राथमिक विद्यालय वरन् जिले के सभी प्राथमिक/मध्य विद्यालय/उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में भी ताला पड़ा है, लगभग दो लाख बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित रहे और 80,000 बच्चों को मध्याह्नन भोजन बच्चों को नहीं मिला है।

पारा शिक्षकों की हड़ताल दूसरे दिन सफल रही ।आज़ राज्य व्यापी आंदोलन के दौरान जिले के पारा शिक्षकों ने बाघमारा, गोविंदपुर, बलियापुर सहित सभी प्रखंडों में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया, सभी शिक्षकों ने राज्य सरकार के प्रति आक्रोश दिखाते हुए, गिरफ्तार पारा शिक्षकों के समर्थन में नारे लगाए गए। जेल का ताला टुटेगा, पारा शिक्षक छुटेगा । रघुवर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

पारा शिक्षक इस तानाशाही सरकार को नहीं भुलेगी

जिला अध्यक्ष अश्वनी कुमार सिंह एवं जिला सचिव मोहम्मद सिद्दीक शेख ने कहा कि धनबाद के माननीय सांसद/विधायक के मुख्यमंत्री के समाने मुँह नहीं खुल रही है, शायद चुनाव में टिकट कटने का डर है. पारा शिक्षक बेवकूफ नहीं है,सब देख रहे हैं, हमारा साथ अन्याय हुआ ,ओर ये लोग मुख्यमंत्री को दोष दे रहे हैं.

हमारे बेकशुर शिक्षिकाओ को मोराबादी से दस किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन से जबरदस्ती पकड़ कर जेल में ठुंसा गया, 24 घंटा भुखा रखा गया, लाठी-डंडे से मारा गया, पारा शिक्षक इस तानाशाही सरकार को नहीं भुलेगी.आंदोलन को सफल करने में संगठन मंत्री योगेश दत्ता, अशोक चक्रवर्ती, रंजीत मंडल, चंदन मोदक, इकबाल अहमद ,आलोक बनर्जी, प्रसन्ना कुमार सिंह आदि मुख्य रूप से लगे हुए हैं ।

अघोषित रूप से आपातकाल लागू

झरिया -बलियापुर में मार्क्सवादी युवा मोर्चा एवं मासस की अगुवाई में झारखंड स्थापना दिवस पर पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ एवं रघुवर सरकार की हठधर्मिता तथा मनमानी के विरोध में एक विरोध मार्च निकाला गया। विरोध मार्च के बाद रघुवर सरकार का पुतला दहन किया गया ।विरोध मार्च को संबोधित करते हुए मासस नेता महतो ने कहा कि सभी लोगों को संविधान द्वारा प्राप्त प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध का अधिकार से भी यह सरकार वंचित कर अघोषित रूप से आपातकाल लागू कर चुकी है.

यह आपातकाल के खिलाफ में सब लोग एकजुट हो रहे हैं आने वाले दिन ऐसी तानाशाही सरकार को जमीन से उखाड़ फेंकेगी। मासस मांग करती है कि पारा शिक्षक समेत सभी संविदा कर्मी को स्थाई किया जाए एवं समान काम समान वेतन लागू की जाए. जेल भेजे गए पारा शिक्षकों को अविरल नाम रिहा किया जाए. इसके साथ-साथ ईमानदारी से काम करने वाले सरकारी पदाधिकारी कर्मियों को काम कर दे दिया जाए. सरकार का कथित गुड गवर्नेंस सब लोग देख रहे हैं.

कार्यक्रम को मासस प्रखंड अध्यक्ष गणेश महतो ,राजू महतो, अविनाश महतो ,सुनील महतो, शीतल दत्ता लालचंद महतो ,प्रेमचंद महतो, दिवाकर महतो ,अबे अबेदा, राहुल मोदक ,मुमताज अंसारी, बबलू बाउरी ,मनोहर राय, विनोद चौहान ,रणजीत चौहान ,अजय पासवान ,निर्मल महतो, शक्ति मोदी, मुमताज अंसारी ,दिवाकर महतो ,अरविंद महतो ,महेश महतो ,दिनेश राम ,किशन महतो, बबलू बाउरी मनोहर राय, विनोद चौहान आदि ने संबोधित किया।

Last updated: नवम्बर 17th, 2018 by News Desk

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