पुलिसिया अनुसंधान और कार्यशैली पर आरोप
आसनसोल -राजेन्द्र यादव हत्याकाण्ड में पुलिस अनुसंधान और कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए स्व.यादव की पत्नी बबीता यादव ने सवाल खड़े करते हुए पुलिस आयुक्त को शिकायत पत्र दी है और आगे भारतीय दण्ड विधान की धारा-120 (बी) के तहत अनुसंधान करने की मांग रखी है.श्रीमती यादव ने हत्या में सफेदपोश साजिशकर्ता को बचाने और पत्नी का ब्यान न लेने का आरोप लगाते हुए, न्याय न मिलने पर हाई कोर्ट जाने की बात कही.
राजेन्द्र यादव का शव पेड़ से लटकता मिला था
गौरतलब है कि कुल्टी थाना अंतर्गत नियामतपुर फांड़ी क्षेत्र के लच्छीपुर गेट निवासी राजेन्द्र यादव की हत्या 1 अप्रैल 2018 की मध्यरात्रि में कर के रेडलाईंट एरिया दिशा के पीछे एक पेड़ पर लटका दिया गया था. 2 अप्रैल को उनके परिजन पेड़ पर लटकता हुआ शव देखकर पुलिस को खबर किये, फिर मृतक राजेन्द्र यादव के बड़े भाई उमेश यादव ने तीन अभियुक्तों को नामजद बनाते हुए प्राथमिकी कुल्टी थाना काण्ड संख्या-117/2018 भारतीय दण्ड संहिता की धारा-302,201 और 34 के तहत दर्ज कराई.
हत्या को आत्महत्या का स्वरूप देकर सबूत मिटाने का प्रयास
पुलिस ने तीनों नामजद प्राथमिकी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया एवं अनुसंधान के क्रम में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अनुसंधान जारी रखा. लेकिन जिस तरह से राजेंद्र यादव की हत्या 1 अप्रैल की मध्यरात्रि को करके किसी पेड़ में फांसी के तौर पर लटका दिया गया था, जिस हत्या के मामले को आत्महत्या का स्वरूप देकर सबूत मिटाने का प्रयास एवं तथ्यों से गुमराह करने की शाजिस की गई थी, इस आलोक में यह स्पष्ट था, इसके पीछे गहरा षड्यंत्र और आपराधिक साजिश की गई है. इसको देखते हुए 10 अप्रैल को लच्छीपुर गेट की जनता की ओर से एक पब्लिक पिटिशन अपर उप पुलिस आयुक्त (पश्चिम) को सौंपा गया.
भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी को जोड़ा गया
जिसमें भारतीय दंड विधान की धारा 120 आपराधिक षड्यंत्र जोड़कर इस हत्याकांड के पीछे साजिशकर्ता को इस हत्याकांड में शामिल कर उसे गिरफ्तार करने और सजा दिलाने के लिए मांग की गई थी. इसके बावजूद भी पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी को अनुसंधान के क्रम में नहीं जोड़ा और इस बिंदु पर जाँच नहीं किया. जिससे की असली हत्यारा जो साजिशकर्ता था, जिसने आपराधिक षड्यंत्र किया था, वह बच गया. उससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात है कि मृतक राजेंद्र यादव की पत्नी बबीता यादव ने यह बताया कि मेरे पति की हत्या हो गई और आज तक पुलिस ने मुझसे मेरे पति के बारे में किसी तरह का कोई बात पूछने के लिए नहीं आई और ना ही सबूत जुटाने का प्रयास किया.
आपराधिक षड्यंत्र सबसे महत्त्वपूर्ण बिंदु
बबीता देवी के अधिवक्ता वरीय नंद बिहारी यादव ने कहा कि बबीता देवी के पति राजेंद्र यादव की हत्या की जो कहानी है वह पूरी तरह से भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी के तहत है और इसमें आपराधिक षड्यंत्र सबसे महत्त्वपूर्ण बिंदु है, जिस पर पुलिस को पहले अनुसंधान करना चाहिए और इस बिंदु पर सबूत इकट्ठा कर असली हत्यारे को पकड़ना चाहिए. अगर बबीता देवी को इंसाफ और न्याय नहीं मिला तो वह इस पूरे प्रकरण को लेकर सीआईडी जाँच के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय में मामला दाखिल करेंगे. मृतक राजेंद्र यादव की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति की लच्छीपुर के चबका हटिया में जमीन व मकान की संपत्ति है,
संपत्ति को अपने कब्जे में कर लिया
उस इलाके की रहने वाली ममता देवी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उनके पति की संपत्ति अपने नाम कराने और हड़प लेने के लिए साजिश रच कर पूरे संपत्ति को अपने कब्जे में कर लिया है. ममता देवी के साथ में इस साजिश में उसकी बहन, उसका बेटा, लच्छीपुर गेट का एक व्यक्ति बद्री तथा उसके यहाँ अक्सर आने वाला धनबाद का एक असामाजिक तत्व शामिल है, ये सभी लोग मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रच कर उसके पति की संपत्ति को दखल कर लिए हैं. मृतक राजेंद्र यादव की पत्नी बबीता देवी ने बताया और आरोप लगाया है कि उनके पति की हत्या हो जाने के बाद ममता देवी और यह तमाम अपराधियों जिन्होंने संपत्ति साजिश कर हड़पने का काम किया है,
उन्हें हिरासत में भी नहीं लिया
उनसे पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं किया और उन्हें हिरासत में भी नहीं लिया. बबीता देवी ने आशंका जताई है कि पुलिस अनुसंधान पूरी तरह से असली अपराधियों और साजिशकर्ता को बचाने के लिए आपराधिक षड्यंत्र के बिंदु भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी पर जाँच अनुसंधान नहीं किया और आनन-फानन में अनुसंधान पूरा कर आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया. बबीता देवी ने यह भी आरोप लगाया कि अनुसंधान पूरा होने और आरोप पत्र दाखिल करने की सूचना भी इस केस के सूचक उनके पति के बड़े भाई उमेश यादव को भी नहीं दी गई.
ताकि असली हत्यारा पकड़ा जाय.
बबीता देवी ने पुलिस आयुक्त से आगे भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी के बिंदु पर जाँच करने की मांग की है, ताकि असली हत्यारा साजिशकर्ता पकड़ा जाय. बबीता देवी ने बताया पुलिस आयुक्त को इसके पूर्व भी 11 जुलाई को ममता देवी के बारे में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और ममता देवी साजिश रच कर फर्जी दस्तावेज बनाकर उनके पति की जमीन जायदाद जो चबका हटिया में है उस पर कब्जा जमा लिया है. उन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग बबीता देवी ने पुलिस आयुक्त से की है.
उच्च न्यायालय में मामला दाखिल करेंगे
बबीता देवी के अधिवक्ता वरीय नंद बिहारी यादव ने कहा कि बबीता देवी के पति राजेंद्र यादव की हत्या की जो कहानी है वह पूरी तरह से भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी आपराधिक षड्यंत्र सबसे महत्त्वपूर्ण बिंदु है जिस पर पुलिस को पहले अनुसंधान करना चाहिए और इस बिंदु पर इकट्ठा कर असली हत्यारे को पकड़ना चाहिए अगर बबीता देवी को इंसाफ और न्याय नहीं मिला तो वह इस पूरे प्रकरण को लेकर सीआईडी जाँच के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय में मामला दाखिल करेंगे