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“मोदी हटाओ देश बचाओ” के नारे से गुंजा रेलनगरी, श्रमिक संगठनों की महारैली, केंद्र सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह आन्दोलन

चित्तरंजन। “चित्तरंजन बचाओ सत्याग्रह” नारे के साथ सभी श्रमिक संगठनों ने 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी के जन्मजयंती के अवसर पर सत्याग्रह आंदोनल के साथ महारैली निकाल केंद्र के विरूद्ध 3 किलोमीटर तक रैली निकाल प्रदर्शन किया।

शुक्रवार शाम रेलनगरी चित्तरंजन के सभी श्रमिक संगठन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि मौजूदा सरकार कोरोना महामारी का लाभ उठा देश की नींव रखने वाली सरकारी कंपनियों को बेच रही है। जिस क्षेत्र के सरकारीकारण लिए हमारे पूर्वजो ने जान दी उन्हीं कारखाने को गलत तरीके से केन्द्र सरकार निजीकरण कर रही है। जिससे बड़े पैमाने पर लोगों में रोष है।

बता दे कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा 42 सरकारी प्रतिष्ठानों सहित चित्तरंजन रेल कारखाना का भी निजीकरण किये जाने के निर्णय के विरोध में सभी श्रमिक संगठनों के द्वारा गठित जॉइंट एक्शन कमिटी के ओर से चित्तरंजन तीन नम्बर गेट के समीप 2 अक्टूबर गाँधीजी के जन्म जयंती के अवसर पर सुबह 9 बजे से ही शाम तक अनशन सत्याग्रह के साथ ही सांध्या में चित्तरंजन के श्रमिक संगठन आईएनटीयुसी समेत सभी श्रमिक संघटन रेल बचाओ, बीजेपी हटाओ के नारे के साथ हजारों की संख्या में लोग महारैली निकाल केंद्र के विरुद्ध प्रदर्शन किए।

इस संबंध में जॉइंट एक्शन कमिटी केसीआरएमसी एनएफआईआर संगठन के एस. के लाहाने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार अपने करीबी उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए सरकारी क्षेत्रों को जिससे देश की प्रतिष्ठा एवं अर्थव्यवस्था निर्भर है ऐसे क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंप, देश को ऐसे गर्त में धकेल रही है जिससे निकलना कभी सम्भव नहीं होगा। केंद्र की जनविरोधी नीतियों का जिता जागता उदाहरण बन्द पड़े हिंदुस्तान केबल्स, बर्न स्टैण्डर्ड कारखाने है, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए। अब सीएलडब्लू का भी मोदी सरकार निजीकरण करना चाहती है लेकिन श्रमिक एवं श्रमिक संगठनों ने यह प्राण लिया है हम लोग ऐसा होने नहीं देंगे। यहाँ साढ़े ग्यारह हजार श्रमिक के साथ हजारों लोगों का जीविका चिरेका पर निर्भर है। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार देश भर की 42 राष्ट्रीय सरकारी संस्थान को निजीकरण की भेंट चढ़ाने वाली है। जिसमें बीएसएनएल, एयर इंडिया, रेल, सेल, इस्को, एचसीएल सहित चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना भी उद्योगपतियों को समर्पित करने की षड़यंत्र किया जा रहा है। जॉइन एक्शन कमिटी के इंद्रजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जनविरोधी, समाज विरोधी, मज़दूर विरोधी, शिल्प विरोधी है। इसका प्रमाण इस बार का बजट है। केंद्र सरकार ने चित्तरंजन रेलवे इंजन कारखाने सहित देश के और राज्य के कारखानों को भी निजीकरण की भेंट देने की योजना बनाई है। देश भर में निजीकरण के लेकर आंदोलन के साथ-साथ चित्तरंजन में भी लगातार आंदोलन जारी है केंद्र सरकार की इस जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध जॉइंट एक्शन कमिटी के ओर से जोरदार आंदोलन चलते ही रहेगा।

मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण मण्डल, सीआरएमसी एनएफआईआर संगठन के एस.के लाहा, अशोक चौधरी, निर्मल मुखर्जी, गुलाब यादव, जनार्दन सिंह, अर्धेन्दू मुख्यपाध्याय, सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कॉंग्रेस महासचिव भोला सिंह, तृणमूल कार्यकर्ता बबलू घासी, तापस चौधरी, श्यामल गोप, मिथुन मण्डल, समेत भारी संख्या में चिरेका रेल नगरी के लोग उपस्थित रहे।

Last updated: अक्टूबर 3rd, 2020 by Guljar Khan