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क्रोनी कैपिटलिस्ट को फायदा पहुंचाने के लिए की गई नोटबन्दी- राहुल गांधी

केरल बाढ़ पीड़ितों से बात करते हुए राहुल गांधी

बीते गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला

राहुल गाँधी ने नोटबन्दी का कारण पूछा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश के युवाओं को, देश के छोटे दुकानदारों को, मिडिल साइज बिजनेसेज, स्मॉल बिजनेसेज, जो इस देश को रोजगार देते हैं, उनको वायदा किया था कि नोटबंदी करके कालाधन गायब हो जाएगा, नकली नोट खत्म हो जाएँगे और आतंकवाद पर जबरदस्त चोट लगेगी और अभी नोटबंदी का रिजल्ट आया है। रिजल्ट क्या आया कि पूरा का पूरा पैसा वापस आ गया। दो प्रतिशत जीडीपी, करोड़ों लोगों का रोजगार और नोटबंदी का कोई भी पॉजिटिव रिजल्ट नहीं आया। तो सबसे पहले प्रधानमंत्री जी को देश को जवाब देना है, देश के युवाओं को जवाब देना है कि इतनी बेरोजगारी है, हमारे युवा रोजगार चाहते हैं, आपने देश पर इतनी बड़ी चोट क्यों लगाई? रीजनिंग क्या थी, लॉजिक क्या था, कारण क्या था?

राहुल गाँधी ने नोटबन्दी का कारण बताया

उन्होंने कहा कि कारण मैं आपको बताना चाहता हूँ-कि प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी क्यों की? उनके सबसे बड़े 15-20 उद्योगपतियों के पास, क्रोनी कैपिटलिस्ट (पूंजीपति मित्रों )के पास, जिन्होंने बैंक का पैसा लिया था, उनके पास नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स थे। नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता का पैसा लेकर, आपकी जेब में से पैसा निकालकर सीधा हिंदुस्तान के सबसे बड़े क्रोनी कैपिटलिस्ट की जेब में डाला। ये नोटबंदी का लक्ष्य था।

प्रधानमंत्री ने गलती नहीं की घोटाला किया है

नोटबंदी के समय नरेन्द्र मोदी जी के कई मित्रों ने कालेधन को सफेद में बदलने का काम किया। गुजरात के को-ऑपरेटिव बैंक का उदाहरण है, 700 करोड़ रुपए, अमित शाह जी जिस बैंक में डॉयरेक्टर हैं, 700 करोड़ रुपए उस बैंक में बदला गया। तो क्या बताया कि ये पैसा किसका या क्यों बदला गया, क्या जाँच हुई? जो हुआ इसको जुमला भी नहीं कहा जा सकता है, इसको स्कैम कहा जा सकता है ।

नरेन्द्र मोदी जी ने बिल्कुल सही बात कही कि जो 70 साल में हिंदुस्तान में नहीं हुआ, जो कोई नहीं कर पाया। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने वो निर्णय लिया और देश की इकॉनमी की धज्जियाँ उड़ा दी तो नरेन्द्र मोदी जी को जवाब देना है कि इन्होंने ये क्यों किया? देश के युवाओं का कहना है, देश के छोटे दुकानदारों का कहना है, मिडिल और स्मॉल साईज बिजनेसेज का कहना है कि उन्होंने उन लोगों से पैसा छीनकर 15 सबसे अमीर लोगों को क्यों दिया? ये मुख्य मुद्दा है नोटबंदी का।

जितने डिफमेशन सूट लगाने हैं, लगाईए

एक प्रश्न पर कि अहमदाबाद को-ऑपरेटिव बैंक ने आपके ऊपर और रणदीप सिंह सुरजेवाला जी पर मानहानि का इल्जाम लगाया है, श्री गाँधी ने कहा कि अनिल अंबानी जी ने पूरी कांग्रेस पार्टी पर, मतलब हर डिस्ट्रिक्ट पर डिफमेशन सूट (defamation suit) लगा दिया है। लगाईए! जितने लगाने हैं, लगाईए, मगर डिफमेशन सूट से सच्चाई नहीं बदलती। जितने डिफमेशन सूट लगाने हैं, लगाईए। सच्चाई ये है कि 15-20 क्रोनी कैपिटलिस्ट (पूंजीपति मित्रों) के लिए नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की ओर अपने मित्रों को मदद करने के लिए उन्होंने राफेल स्कैम किया।

उन्होंने फिर जोर देकर कहा कि हिंदुस्तान के 15-20 सबसे बड़े क्रोनी कैपिटलिस्ट को अपने कालेधन को सफेद बदलने में मदद’, ये था नोटबंदी और जो हमारे छोटे बिजनेसेज हैं, मिडिल साइज बिजनेसेज हैं, उनको खत्म करके, जो छोटे दुकानदार हैं, उनको खत्म करके, बड़ी कंपनियों को मदद करने का लक्ष्य है। छोटे दुकानदार, मिडिल साइज बिजनेसेज, स्मॉल साइज बिजनेसेज आप लोग जो चलाते हो, आप अच्छी तरह सुनो नोटबंदी कोई गलती नहीं थी, नोटबंदी आपके ऊपर आक्रमण था, नोटबंदी आपके पैर पर कुल्हाड़ी मारी गई थी। गलतफहमी में मत आईए, ये गलत नहीं थी, ये जानबूझ कर आपको नष्ट करने के लिए, आपको खत्म करने के लिए और सबसे बड़े एमाज़ॉन (Amazon) जैसे बिजनेस के लिए रास्ता खोलने का तरीका था।

प्रधानमंत्री जी ने गलती नहीं की, ये जानबूझ कर किया है।

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री जी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए, श्री गाँधी ने कहा कि माफी तब मांगी जाती है, जब गलती होती है। प्रधानमंत्री जी ने गलती नहीं की, प्रधानमंत्री जी ने ये जानबूझ कर किया है। प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य था कि हिंदुस्तान के सबसे बड़े क्रोनी कैपिटलिस्ट जिन्होंने प्रधानमंत्री जी को मार्केटिंग के पैसे दिलवाए। जिनके कारण टेलीविजन पर हर रोज नरेन्द्र मोदी जी का चेहरा दिखाई देता है कि उनको पैसा मिले और पैसा कैसे मिले, हिंदुस्तान के किसान, हिंदुस्तान की महिला, हिंदुस्तान के छोटे दुकानदार, हिंदुस्तान के स्मॉल साइज बिजनेसेज, मिडिल साइज बिजनेसेज की जेब में से पैसा निकाल कर सीधा उनके 15-20 क्रोनी कैपिटलिस्ट मित्रों को मिले। सिस्टम है, क्रोनी कैपिटलिस्ट नरेन्द्र मोदी जी की मार्केटिंग करते हैं। नरेन्द्र मोदी जी जनता से पैसा छीनकर क्रोनी कैपिटलिस्ट को देते हैं, बड़ा सिम्पल है।

क्या कांग्रेस के पास कोई रोडमैप है ?

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या कांग्रेस के पास इस सारे नुकसान की भरपाई के लिए कोई रोडमैप है? कैसे इस नुकसान की भरपाई होगी ?

राहुल गाँधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को लंबे समय तक प्रगति के रास्ते पर चलाया है। डॉ. मनमोहन सिंह जी जब प्रधानमंत्री थे, आप हमारा रिकोर्ड देख लीजिए। अरुण जेटली जी और नरेन्द्र मोदी जी ने हिंदुस्तान की इकोनॉमी को नष्ट कर दिया है। पहले ढाई लाख करोड़ रुपया नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (Non-Performing Asset) था, कंट्रोलेबल था। आज 12 लाख करोड़ रुपया नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स है। क्यों ? क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी ने अपने मित्रों की रक्षा की है। एकसूत्री कार्यक्रम है, पहले 20 सूत्र हुआ करते थे। अब एकसूत्री कार्यक्रम है। हिंदुस्तान के क्रोनी कैपिटलिस्ट की कैसे मदद की जाए?

अरुण जेटली पर निशाना

एक अन्य प्रश्न पर कि राफेल की तरह क्या आप नोटबंदी के लिए पूरे देश में प्रदर्शन करेंगे, श्री गाँधी ने कहा कि राफेल के बारे में देखिए कल अरुण जेटली जी ने सवाल पूछे और उस बात को मैं एक्सेप्ट करता हूँ कि अरुण जेटली जी भी सवाल पूछ सकते हैं। तो मैंने अरुण जेटली के द्वारा नरेन्द्र मोदी जी को एक ऑप्शन दिया। ऑप्शन था कि जरुर सवाल पूछते हैं, ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (Joint Parliamentary Committee) बैठाकर पूछते हैं। सब साफ हो जाएगा, सबको पता लग जाएगा, राफेल में क्या हुआ। मुझे कोई एतराज नहीं, कांग्रेस पार्टी को कोई एतराज नहीं है, किसी भी अपोजिशन पार्टी को एतराज नहीं है, हम सब मानेंगे, सब मान रहे हैं। 24 घंटे होने वाले हैं, अरुण जेटली जी ब्लॉग लिख रहे हैं, लंबे-लंबे ब्लॉग लिख रहे हैं, मगर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के बारे में अरुण जेटली जी ने कुछ नहीं बोला। अब मैं समझता हूँ कि अरुण जेटली जी फंस गए हैं। क्योंकि परमिशन तो नरेन्द्र मोदी जी को देनी है। अरुण जेटली जी ने पता नहीं पूछा या नहीं पूछा, शायद वो इतना घबरा गए हैं, कि पूछें भी ना।

सरकारी कंपनी एच ए एल को क्यों दूर रखा इस डील से ?

राफेल डील से एच ए एल को बाहर रखने पर आरोप लगाते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि अंबानी जी ने हवाई जहाज कभी नहीं बनाया। अनिल अंबानी जी 45,000 करोड़ रुपए के कर्जे में हैं। अनिल अंबानी जी ने कंपनी कुछ ही दिन पहले खोली, राफेल कॉन्ट्रेक्ट से कुछ ही दिन पहले खोली। दूसरी तरफ सरकारी कंपनी HAL, 70 साल से हवाई जहाज बना रही है, कोई कर्जा नहीं है। हजारों इंजिनियर हैं, जो काम करना चाहते हैं। छोटा सा सवाल है, जो हवाई जहाज 520 करोड़ रुपए का था, उसको आपने 1,600 करोड़ रुपए में क्यों खरीदा? किसको फायदा पहुँचाने के लिए खरीदा? अब अरुण जेटली जी उल्टा मुझसे सवाल पूछ रहे हैं, पूछ सकते हैं। मगर इन तीन सवालों के जवाब तो दीजिए, क्लियर कट हैं और JPC लाईए, पूरा देश जानना चाहता है कि अनिल अंबानी जी ने और मोदी जी ने क्या डील की है?

जब प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं, हम उनके झूठ को पकड़ते हैं

एक प्रश्न की प्रधानमंत्री ने कहा था कि नोटबंदी करने दीजिए, सही फैसला है, 50 दिन का समय दीजिए, नहीं तो मुझे सजा दे दीजिएगा, आपने कहा कि ये एक घोटाला है, इसके उत्तर में श्री गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 15 लाख रुपए का वायदा किया, प्रधानमंत्री जी ने किसानों को सही दाम देने का वायदा किया, प्रधानमंत्री जी ने बुलेट ट्रेन का, मतलब उनके लंबी वायदे की लिस्ट है, जो पूरी नहीं होती, तो जो प्रधानमंत्री कहते हैं, उसको अब लोग सीरियसली नहीं लेते, मगर जब प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं, हम उनके झूठ को पकड़ते हैं।

प्रधानमंत्री जी ने राफेल में अनिल अंबानी की मदद करने की कोशिश की। बीजेपी के प्रेसिडेंट जिस को-ऑपरेटिव बैंक में डॉयरेक्टर हैं, वहाँ 700 करोड़ रुपया नोटबंदी का बदला गया, क्या इंक्वायरी हुई? बीजेपी ने नोटबंदी से पहले अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट में ऑफिस खरीदे। तो ये हमारा काम पब्लिक को सच्चाई बताने का है। प्रधानमंत्री जी ने स्वयं कहा कि एयरक्राफ्ट अलग है और मैंने आपको दिखाया प्रधानमंत्री का स्टेटमेंट, देख लीजिए, उसमें क्लियरली बोल रहे हैं कि Aircraft is the same.

डिफेंस मिनिस्टर एक दिन बोलती हैं कि हम एयरक्राफ्ट का दाम बताएंगे, दूसरे दिन बोलती हैं कि हम एयरक्राफ्ट का दाम नहीं बताएंगे और फिर पता लगता है कि एयरक्राफ्ट का दाम तीन गुना बढ़ गया। तो हमारा सिम्पल सवाल है और युवाओं का सवाल है, किसानों का सवाल है,आपने, नरेन्द्र मोदी जी ने युवाओं को, किसानो को, महिलाओं को चोट मारी, क्यों मारी?

काला धन नहीं कम हुआ, आतंकवाद कम नहीं हुआ, नकली नोट गायब नहीं हुए। कोई न कोई रीजन तो होगा और मैं आपको रीजन बता रहा हूँ -रीजन था कि क्रोनी कैपिटलिस्ट (पूंजीपति मित्रों) की जेब में पैसा डालना।

30 सितम्बर को राहुल गाँधी की प्रेस वार्ता पर आधारित(संवाद सूत्र : रिजवान रजा)

Last updated: अगस्त 31st, 2018 by Central Desk - Monday Morning News Network