नवजात पुत्र के हत्या मामले में पिता को आजीवन कारावास
दुर्गापुर -अपने ही 6 महीने के पुत्र का गला दबाकर हत्या कर शव को दफना देने के आरोप में पिता को आजीवन कारावास की सजा हुई है। सोमवार एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (सेकंड कोर्ट) दुर्गापुर के जज राजा राय ने आरोपी राकेश केवट के खिलाफ सभी सबूतों को सही ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हत्यारे पर 10 हजार रुपया जुर्माना लगाया, जुर्माना न देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा बढ़ाने का आदेश जारी किया गया। बताया जाता है कि सिदुली शांति नगर निवासी रामअवतार केवट का पुत्र राकेश केवट के साथ 28 फरवरी 2015 को पत्नी विद्या देवी के साथ पारिवारिक झगड़ा हुआ था,
गुस्से में आकर राकेश ने पत्नी के हाथ में से 6माह का दीपक केवट नामक पुत्र को छीन कर घर से निकल गया था। शाम को राकेश अकेले ही वापस घर लौट कर आया तो परिवार वालों को शक हो गया। काफी पूछताछ के बाद अन्तः 2 दिन के बाद राकेश ने पुत्र को तिलाबनी के जंगल स्थित पुराने घर के पीछे दफना देने की बात कही। परिजनों व आसपास के लोग राकेश को साथ लेकर तीलाबनी जंगल गए एवं पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर पांडेश्वर थाना घटनास्थल पर पहुँचकर बच्चे के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। राकेश के करतूत की सजा दिलाने के लिए पिता राम अवतार केवट ने ही पांडेश्वर थाना में पुत्र राकेश के खिलाफ नाती दीपक का हत्या करने का मामला दर्ज कराया था।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पांडेश्वर थाना राकेश केवट को हिरासत में लेकर अदालत के जरिए जेल भेज दिया। तब से आरोपी जेल में बंद था। सरकारी वकील श्रावणी सरकार ने कहा कि हत्या के इस मामले में 12 गवाह बनाए गए थे। तमाम गवाहों एवं सबूतों पर गौर करते हुए जज राजा राय ने आरोपी राकेश केवट पर लगे सभी आरोप सही साबित करते हुए सजा की घोषणा की है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण कुंडू हैं।
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