‘मिसाइल मैन’ को दी गई श्राद्धांजलि

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज नई दिल्ली के डीआरडीओ भवन में पूर्व राष्ट्रपति और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख भारत रत्न डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की 87वीं जयंती मनाई। इस अवसर पर रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतरमण मुख्य अतिथि थी और रक्षा राज्य मंत्री डॉ. शुभाष रामराव भामरे तथा भारत सरकार के प्रधानमंत्री वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के.विजय राघवन तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्रीमती सीतारमण ने डॉ. कलाम से अपनी मुलाकात की याद साझा की। उन्होंने कहा कि डॉ. न केवल अच्छे वैज्ञानिक थे बल्कि शानदार प्रशासक थे जो अपनी टीम के सदस्यों में प्रतिभा की पहचान कर लेते थे और आगे बढ़ाते थे। इन कारणों से ‘मिसाइल मैन’ महान टीम लीडर बने।

रक्षा राज्य मंत्री डॉ. भामरे ने कहा कि डॉ. कलाम मजबूत राष्ट्र में विश्वास करते थे। वैज्ञानिक रूप से श्रेष्ठ राष्ट्र में उनका विश्वास था और मिशन के प्रति सम्पूर्ण प्रतिबद्धता के लिए लोगों को प्रेरित करते थे। उनके प्रसिद्ध कथन ‘अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते है तो पहले सूर्य की तरह जलना होगा’ से समर्पण भाव प्रकट होता है।

रक्षा मंत्री श्रीमती सीतारमण ने ‘द कलाम विजन-डेयर टू ड्रीम’ विषय पर डीआरडीओ की समर्पित वेबसाइट लांच की। यह वेबसाइट उभरती टेक्नोलॉजी यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स, ऑटोमोनस प्रणाली में युवाओं को आकर्षित करने के लिए है। यह वेबसाइट विद्यार्थियों और स्टार्ट अप के लिए खुली स्पर्धा में भाग लेने में मदद करेगी। यह वेबसाइट https://drdo.gov.in/drdo/kalam/kalam.html पर उपलब्ध है।

‘अतुल्य कलाम’ पुस्तक के हिन्दी संस्करण का लोकार्पण रक्षा राज्य मंत्री डॉ. भामरे ने किया। हिन्दी संस्करण का उद्देश्य डॉ. कलाम के संदेशों को देश के आम जन तक पहुँचाना है। यह पुस्तक डॉ. कलाम से जुड़े प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के निजी अनुभवों का संकलन है।

इस समारोह में दिल्ली के तीन स्कूलों के विद्यार्थी भी शामिल हुए। इन स्कूलों ने भारत सरकार के अटल नवाचार मिशन के अंतर्गत अपने स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की है। समारोह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईंटी दिल्ली) के विद्यार्थी और शोधकर्ता भी शामिल हुए।

विद्यार्थियों को डीआरडीओ भवन की कलाम गैलरी दिखाई गई ताकि विद्यार्थी प्रदर्शित रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों का अवलोकन कर सके। विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी में दिखाए गए डॉ. कलाम के जीवन और कार्यों में दिलचस्पी दिखाई।

Last updated: अक्टूबर 15th, 2018 by News Desk

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