हावड़ा निवासी बब्लू सांतरा भी काश्मीर के पुलवामा हमले में देश के लिए शहिद हो गए। शहादत से पहले उन्होंने अपनी पत्नी से मोबाइल द्वारा बात कि और बताया कि वे अपने जवानों के साथ अपनी ड्यूटी पर जा रहे है। मगर तकदीर को कुछ और मंजूर था, कुछ घंटे बाद घर पर फ़ोन आया कि वे अब इस दुनियाँ में नहीं रहे।
ये सुनते ही उनके घर में मातम छा गया। 22 वर्षीय शहीद बब्लू सीआरपीएफ की 35 बटालियन के जवान थे। हावड़ा अंतर्गत बौरिया के चककट्टी गाँव के रहने वाले बबलू करीब बीस वर्ष की उम्र में सीआरपीएफ में शामिल हुये थे। वे बचपन में ही अपने पिता को खो दिये थे। प्रतीकूल परिस्थिति में उन्हें सीआरपीएफ में नौकरी मिली।
जब वह कॉलेज में पढ़ रहे थे, तो परिवार चलाने के लिए मछली बेची। शहीद जवान की चार बड़ी बहनो की शादी हो गई है, माँ, भाई, पत्नी और चार साल की बेटी हैं। कुछ दिन पहले घर को पक्का बनाया गया था। उन्होंने अपने डेढ़ महीने की छुट्टी पूजा में बिताए थे। शहीद की माँ और पत्नी का गुरुवार को मिली दुःखद खबर के बाद रो-रोकर बुरा हाल हैं।
चार साल की छोटी बच्ची अभी भी महसूस नहीं कर पाती है कि कितनी बड़ी आपदा आई है। उसे कुछ दिन पहले ही स्कूल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार के आत्मघाती हमले ने एक पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया है। शहीद बब्लू को इलाके में एक अच्छे वॉलीबॉल खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। एक खुशहाल युवक की अचानक मौत में परिवार को सांत्वना देने के लिए पड़ोसियों के पास शब्द भी नहीं है।