Site icon Monday Morning News Network

डी सी लाइन शुरू होने से खुशी पर सभी ट्रेन बहाल नहीं होने पर नाराजगी

जीत का जश्न मनाते हुए रेल दो या जेल दो के आंदोलनकारी

धनबाद को मिला सिर्फ झाड़ग्राम मेमू का ‘झुनझुना’

लोकसभा चुनाव के पहले धनबाद-चंद्रपूरा लाइन पर चुनावी रेल दौड़ाने का भले ही ऐलान कर दिया गया हो, लेकिन रेलवे के इस फैसले में ना तो धनबादवासी कहीं हैं और ना ही धनबाद स्टेशन। 24 फरवरी से डीसी लाइन पर ट्रेन तो दौड़ेगी, लेकिन इस राजीनितक फैसले में धनबाद स्टेशन की झोली में सिर्फ धनबाद-झाड़ग्राम मेमू का ही झुनझुना मिलेगा। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (टाइम टेबल/पंक्चयुलिटी) एनके मौर्या ने ईसीआर के महाप्रबंधक को जो पत्र भेजा है उससे साफ है कि फिलहाल डीसी लाइन पर सात मेल-एक्सप्रेस और एक पैसेंजर ट्रेन ही दौड़ेगी। मजेदार बात तो यह है कि इन आठ ट्रेनों में सात ट्रेनें पहले से धनबाद स्टेशन पर आती हैं या यहाँ से खुलती हैं। सिर्फ अंतर यह है कि फिलहाल यह ट्रेनें गोमो होकर अपने गंतव्य तक जा रही हैं और 24 फरवरी से इन ट्रेनों को कतरास होकर चलाया जाएगा।

ये सात ट्रेनें चल रही थीं गोमो होकर

एलेप्पी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, शक्तिपुंज एक्सप्रेस, कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस और कोलकाता-मदार एक्सप्रेस पहले से धनबाद-गोमो होकर चल रही थी। जबकि धनबाद-रांची इंटरसिटी आसनसोल होकर रांची जाती थी।

कई राज्यों से कट गया है धनबाद

डीसी लाइन की बंदी ने धनबाद को देश के कई प्रमुख शहर और राज्य से अलग-थलग कर दिया है। झारखंड की राजधानी रांची और उप राजधानी दुमका के साथ-साथ धनबाद की पहुँच बोकारो व अन्य जिलों तक भी कमजोर हो गई है। लंबी मांग के बाद रांची-जयनगर एक्सप्रेस, हैदराबाद-रक्सौल एक्सप्रेस और सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस के रूप में धनबाद को उत्तर बिहार के लिए ट्रेनें मिली थीं। इन ट्रेनों की बदौलत धनबाद से रायपुर, नागपुर, हैदराबाद तक लोगों को जाने में आसानी हो रही थी। इसके अलावा उड़ीसा जाने वाली एकमात्र ट्रेन गरीब रथ भी धनबाद को अलविदा कह चुकी है।

Last updated: फ़रवरी 14th, 2019 by Pappu Ahmad