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प्रकृति की गोद में बसा भैरव धाम अपने विकास की आस देख रहा हैँ

प्रकृति की गोद में बसा भैरव धाम, अपने विकास की आस देख रहा हैँ,,,,, झारखण्ड के सबसे मनमोहक धाम भैरव धाम की प्रकृतिक वातावरण की अनुभूति अक्सर ही यहाँ सैलानियों और आम लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती हैँ यहाँ का वातावरण मन को मुग्ध और पवित्र कर देने वाला हैँ, हम आज बात कर रहे हैँ उस भैरव धाम की जो की धनबाद में चन्दनकियारी क्षेत्र के अंतर्गत जंगल के घने वादियों में बसा है इसकी सुंदरता वाकई में मन को मोह लेती हैँ इसकी विशेषता के बारे में कहा जाता हैँ कि महाभारत काल में जब पांडव पुत्र माता कुंती के साथ इस जगह पर आए तो माता कुंती को प्यास लगी तत्पश्चात उनके पुत्र अर्जुन ने अपने धनुष के एक बाण से इस जगह पर ऐसा श्रोत उत्पन्न कर दिया जिससे की माता कुंती और सभी भाइयों की प्यास बुझ गई तभी से आज तक यह श्रोत का पानी स्वयं ही निकल रहा हैँ जबकि इस कुंड का जल काफी लाभकारी भी हैँ, इस कुंड का जल भी माँ गंगा के जल जैसा ही पवित्र माना गया हैँ क्योंकि इसका जल कभी भी ख़राब नहीं होता हैँ, इस कुंड में दो गोलाकार पत्थर रखे हुए हैँ मान्यता हैँ कि शिव रात्रि के समय यह गोलाकार पत्थर अपने आप घूमने लगता हैँ इस कुंड के जल के बारे में कहा जाता हैँ कि सालों भर किसी भी मौसम में इसका जलस्तर नहीं बढ़ता हैँ और ना ही घटता ही हैँ इसके जल में औषधिय गुणों की भरमार हैँ तभी इस भैरव धाम के अगल बगल रहने वाले गाँव के लोग इसके जल का ही सेवन करते हैँ इस धाम में देवी देवताओं की कई मूर्तियाँ हैं जिसके बारे में कहा जाता हैँ कि ये मूर्तियां भी आदि अनंतकाल से हैँ जिसकी यहाँ पूजा होती हैँ भैरव धाम के कुंड से निकलने वाला जल इजरी नदी में जाकर मिलती हैँ वहीँ यह धाम आम सैलानियों और खास कर यहाँ आनेवालों के लिए सच में काफी खुशी देने वाला पवित्र जगह में से एक हैँ जरुरत हैँ इस भैरव धाम को और विकसित करने की जिससे की यहाँ आने वाले श्रद्धालू को और भी मुलभुत सुविधा मिल सके और पर्यटन के हिसाब से भी यह जगह अपने आप में अनमोल हैँ क्योंकि यहाँ आने वाले सैलानियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैँ झारखण्ड सरकार को भी इस भैरव धाम के सौंदर्यकरन को लेकर आगे आने की पहल करनी चाहिए जिससे की इस पवित्र धाम भैरव धाम की महिमा चारों ओर अपना एक अलग छाप को प्रस्तुत कर सके,,

Last updated: जुलाई 22nd, 2022 by Arun Kumar