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पांडेश्वर क्षेत्र ने नहीं किया कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा :जीएम

पांडेश्वर। समाप्त हुई वितीय वर्ष 2020,2021 में पांडेश्वर क्षेत्र ने अपना कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका ,क्षेत्र की खुट्टाडीह ओसीपी ने क्षेत्र में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करने का श्रेय हासिल तो किया। लेकिन लक्ष्य से पीछे रह गया ,पांडेश्वर क्षेत्र को समाप्त हुई वितीय वर्ष के अंतिम दिन तक 35 लाख 78 हजार मैट्रिक टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला था ,लेकिन अंतिम दिन तक पांडेश्वर क्षेत्र ने सिर्फ 15 लाख 92 हजार मैट्रिक टन ही कोयला उत्पादन कर सका ,खुट्टाडीह ओसीपी ने 15 लाख मैट्रिक टन की जगह 6 लाख 89 हजार मैट्रिक टन ही कोयला उत्पादन कर सका ,इतना कम कोयला उत्पादन के पीछे जमीन अधिग्रहण के चलते हुए बेलपहांडी गाँव वालों के कारण हुआ ,पुनर्वासन का कार्य होने के बाद भी गाँव वालों की घर छोड़ने में आनाकानी के चलते जमीन ईसीएल को नहीं मिला और कोयला उत्पादन पर व्यापक असर पड़ा , खुट्टाडीह कोलियरी को 4 लाख 40 हजार का लक्ष्य कँटीयूनर मशीन चालू होने के चलते मिला था । लेकिन कोरोना के चलते कँटीयूनर मशीन को सेट होने और खदान में उतारने के व्यापक देरी के चलते खुट्टाडीह कोलियरी 2 लाख 71 हजार ही कोयला उत्पादन कर सका, जबकि पांडेश्वर कोलियरी ने 95 हजार मैट्रिक टन कोयला का उत्पादन समाप्त हुई वितीय वर्ष में किया ,मधाईपूर कोलियरी 59 हजार मैट्रिक टन कोयला उत्पादन किया।

मदारबनी और साउथ सामला कोलियरी एक साथ मिलकर 81 हजार मैट्रिक टन कोयला का उत्पादन किया है ,क्षेत्र के नये महाप्रबंधक किशोर कुमार का कहना है कि पांडेश्वर क्षेत्र की स्थिति इस वर्ष खराब रही जिसमें जमीन की मुद्दा हमलोगों के लिये अच्छा नहीं रहा । कँटीयूनर माइंस को लगाने में भी देरी हुई और कोरोना काल भी कोयला उत्पादन में बाधा डाली ,बारिश भी ज्यादा हुई उससे भी कोयला उत्पादन पर असर डाला ,1 अप्रैल से चालू हुए नये वितीय वर्ष में पांडेश्वर क्षेत्र को अच्छा करने की उम्मीद है।

Last updated: अप्रैल 2nd, 2021 by Pandaweshwar Correspondent