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राजनीति का शिकार हो गया खास काजोड़ा को-ओपरेटिव  चुनाव 

सोमवार, 30 जुलाई को “खास-काजोड़ा कोलियरी एम्प्लोयी को-आॅपरेटिव सोसाइटी “” का चुनाव सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है। चुनाव की अगली कोई तिथि घोषित नहीं कि गयी है। जिससे कर्मचारियों में काफी असमंजस का माहौल है।

राजनीति और गुटीय संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी

अपने आखिरी चरण में चुनाव प्रचार ने राजनीतिक रंग ले लिया जिससे चुनाव में असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक है । बीते शनिवार को मलय घटक के सभा में जमकर राजनीतिक हमले हुये । भाजपा और वामफ्रंट को निशाना बनाया गया। हालांकि इस चुनाव में वामफ्रंट कहीं नहीं है लेकिन भाजपा समर्थित मजदूर संगठन बीएमएस के प्रत्याशी उतारने के कारण भाजपा को निशाना बनाया गया

विशुनदेव नोनिया पर हुये चौतरफा हमले

मलय घटक की सभा में विशुनदेव नोनिया पर आक्रामक तरीके से सीधी बयानबाजी की गयी उससे कुछ दिन पहले भी उसी स्थान पर केकेएससी ने सभा करके बहुत आक्रामक बयानबाजी की थी। बीएमएस के काजोड़ा अंचल के अध्यक्ष जीत मुहम्मद ने भी विशुनदेव नोनिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। यहाँ गौर करने वाली बात है कि बीएमएस और केकेएससी दोनों के निशाने पर विशुनदेव नोनिया ही थे । विशुनदेव नोनिया पिछले 15 वर्षों से बोर्ड के सदस्य हैं इसलिए भी वे सभी के निशाने पर हैं। जबकि अपनी जीत को लेकर बहुत आश्वस्त थे विशुनदेव नोनिया। उन्होंने सभा करके कहा कि वे सभी 9 सीटें जीतेंगे और खास काजोड़ा के मजदूर उनके साथ हैं।

अब तो मलय घटक की प्रतिष्ठा भी जुड़ गयी है इस चुनाव से

मंत्री मलय घटक की सभा में अच्छी ख़ासी भीड़ उमड़ी। सभी वक्ताओं में काफी जोश था । मंत्री मलय घटक ने भी खुद को इस चुनाव में यह कहकर झोंक दिया कि वे केकेएससी के अध्यक्ष हैं और हरेराम सिंह महासचिव। उन्होंने सभी मजदूरों से केकेएससी को मजबूत करने की अपील भी की। ऐसे में एक गैर राजनीतिक को-आॅपरेटिव की चुनाव जो कि मात्र एक कोलियरी तक ही सीमित है उसमें मंत्री जी की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब चुनाव कराने के लिए तैयार होता है और इसका क्या नतीजा निकलता है।

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Last updated: जुलाई 30th, 2018 by Pankaj Chandravancee