नालंदा से पैदल आए 10 मुर्शिदाबाद के मजदूरों को बंगाल पुलिस ने सीमा से लौटाया
कल्याणेश्वरी नगर नगर और डगर डगर चाकचौबंध पुलिस की सुरक्षा और निगेहबानी के बाद भी अपने-अपने घर लौटने के लिए मजदूर सीमा पार करने के लिए नदियों में छलांग लगाने से नहीं घबरा रहें हैं । फिर भी पुलिस की मुस्तैदी के कारण मजदूरों का यह प्रयास भी अब असफल साबित हो रहा है ।
झारखंड पुलिस ने लेने से किया इंकार तो बंगाल पुलिस ने नदी के रास्ते ही वापस भेजा
रविवार सुबह10मजदूरों ने अपने घर जाने के लिए दामोदर नदी को तैर कर झारखण्ड से बंगाल की सीमा में प्रवेश कर गए, प्रवेश करने के क्रम में डीबुडीह चेक पोस्ट पर तैनात चौरंगी पुलिस की नजर मजदूरों पर पड़ गई, जिसके बाद सभी मजदूरों को नदी के तट पर ही रोक कर बंगाल पुलिस ने झारखण्ड पुलिस से बात कर उन्हें वापस भेजने का प्रयास किया परन्तु झारखण्ड पुलिस ने मजदूरों को पुनः झारखण्ड में वापस लेने से इंकार कर दिया।
जिसके बाद चौरंगी फाड़ी प्रभारी अनंत कुमार राय ने मजदूरों को बिस्कुट और पानी पिला कर नदी के ही रास्ते ही वापस झारखण्ड जाने को कहा, जिसके बाद सभी मजदूरों को बाध्य होकर पुनः दामोदर नदी में छलांग लगाकर उसी रास्ते वापस जाना पड़ा। इस सन्दर्भ में मजदूरों ने बताया कि वे लोग बिहार के नालंदा जिले में काम कर रहे थे, लॉकडाउन के कारण काम बंद हो जाने से मकान का किराया और भोजन के लिए भी पैसे नहीं थे।
मकान मालिक ने भी घर से निकाल दिया, और पैसे की किल्लत के कारण हम सभी लोग अपने घर मुर्शिदाबाद जाने के लिए पैदल ही निकाल गए। भूखे प्यासे,रात दिन पैदल चलने के बाद हमलोग आज झारखण्ड सीमा पर पहुँचे थे, और अब बंगाल पुलिस भी हमें प्रवेश नहीं करने दे रहीं है।
झारखंड पुलिस भी भगाती है , बंगाल पुलिस ने लेने से किया इंकार , अब जाये तो कहाँ
झारखण्ड पुलिस ने हमलोगों के साथ मारपीट भी किया । हमलोगों ने बंगाल के हेल्प लाइन नंबर पर भी कई बार कॉल किया पर कोई उत्तर नहीं मिला। ऐसे मुसीबत में हमलोग कहाँ जाए कुछ समझ नहीं आ रहा है। पैसे भी नहीं है, लॉकडाउन के कारण हम सभी की जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है ।
इस दुःख की घड़ी में बंगाल सरकार को अपने राज्य से बहार रहने वाले गरीब मजदूरों की सुध लेनी चाहिए किन्तु उल्टा ठोकर मारी जा रही है ।