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बोकारो में कोरोना संंक्रमित मृत देह को जलाने लिए 5 से 10 हजार रुपये की वसूली, पुलिस ने की पिटाई

बोकारो। शनिवार को बोकारो जिले के चास थाना ने चास स्थित श्मशान घाट पर नशेड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और उन्हें इस बात की ताकीद की कि यदि वे श्मशान के आसपास दिखे ताे फिर जेल जाएँगे। पुलिस द्वारा पिटाई के पीछे मामला यह था कि ये नशेड़ी युवक चास गरगा पुल स्थित माँ काली श्मशान घाट पर पहले से नशा किया करते थे। इन दिनों ये कोरोना संक्रमित मृत देह का अंतिम संस्कार करने के लिए 5 से 10 हजार रुपये की वसूली करने लगे थे। चूंकि, कोरोना संक्रमित मृत देह का अंतिम संस्कार में बहुत कम लोग पहुँच रहे हैं। कभी-कभी तो दो-तीन लोग मृत देह को लेकर अंतिम संस्कार करने पहुँचते हैं। इसी का ये नशेड़ी फायदा उठाने लगे।

श्मशान समिति की शिकायत पर हुई कार्यवाही

नशेड़ियों ने लोगों से पहले मदद के नाम पर कुछ राशि लेनी शुरू की। बीते दिनों में जैसे ही इन्हें इस बात की जानकारी मिलती थी कि शव कोरोना मरीज का है, इसके बाद उसके स्वजन से ये लोग सौदा करने लगे। यह सौदा तीस हजार से प्रारंभ होकर पाँच हजार तक जाता था। हर दिन पाँच से दस शव के अंतिम संस्कार में ये लोग मदद करने के नाम काम किया करते थे। इस बात की शिकायत जब श्मशान प्रबंध समिति को मिली तो उन लोगों ने इस बात की शिकायत एसडीएम शशि प्रकाश सिंह से की। उन्होंने चास पुलिस को ऐसे अवांछित तत्वों के खिलाफ कार्यवाही का निर्देश दिया । शनिवार की सुबह चास थाना के जवान पहुँचे और वैसे युवकों की पहचान की जो कि बेवजह श्मशान में बैठे हुए थे। पहले उनसे पूछताछ की ओर सही जवाब नहीं देने पर पिटाई की। पुलिस ने दाैड़ा कर पिटाई की।

श्मशान समिति करती लकड़ी से लेकर अंतिम संस्कार का इंतजाम

चास श्मशान घाट पर अधिक शव जलाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यहाँ कि सुविधा है। श्मशान में एक श्मशान समिति बनी हुई है। समिति मात्र 300 रुपये प्रति मन की दर से लकड़ी उपलब्ध कराती है। 500 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में वसूल करती है। जिससे श्मशान की साफ-सफाई पानी की व्यवस्था एवं अन्य काम किए जाते हैं। श्मशान समिति के अनूप पांडे और गोपाल मुरारका ने बताया कि कुछ दिनों से ये युवक मृतक के स्वजनों को कोरोना संक्रमण एवं अन्य भय दिखाकर पैसे की उगाही कर रहे थे। जबकि यहाँ सबकुछ जिला प्रशासन के सहयोग से व्यवस्थित रूप से चल रहा है। बीते दिनों लकड़ियों की भारी कमी के कारण समस्या उत्पन्न हो गई थी । पर जिला प्रशासन ने समुचित रूप से लकड़ियाँ उपलब्ध करा दिया है ।

Last updated: मई 1st, 2021 by Arun Kumar