हिंदुस्तान केबल्स पुनर्वासन कमिटी के तत्वाधान में सोमवार को हिंदुस्तान केबल्स चिल्ड्रेन पार्क ओल्ड कालोनी स्थित एक आम सभा का आयोजन किया गया।
आयोजन में हिंदुस्तान केबल में रह रहे हजारों परिवार की आसियान बचाने को लेकर रणनीति तय की गई, जिसमें वैकल्पिक संस्थान समेत परिवारों को पुनर्वास के लिए आगामी आंदोलन की रणनीति तय किया गया। बैठक में क्षेत्र के काफी संख्या में महिला पुरुष ने भाग लिया।
हिंदुस्तान केबल्स पुनर्वासन कमिटी के सचिव ने कहा केबल्स के स्टेट डिपार्टमेंट हेड के शिकायत के बाद पुलिस द्वारा हिंदुस्तान केबल्स को 15 दिन में खाली करने का फरमान जारी किया है। किंतु केंद्र सरकार की इस नीति ने आम जनता की मानवाधिकार को भी अनदेखी कर दी है। पहले पानी और बिजली छीन कर आज जनता को त्रस्त करने वाली केंद्र सरकार अब लोगों के उनका आशियाना भी छीन लेना चाहती है। यहाँ रह रहे लोगों को पहले पुनर्वासन की व्यवस्था करनी होगी, साथ ही केबल्स की जमीन पर वैकल्पिक सरकारी उद्योग लगानी ।
951 एकड़ जमीन पर फैला है हिंदुस्तान केबल्स 321 स्टाॅल, 76 पूर्व कर्मचारी, 6 शैक्षणिक संस्थान समेत बढ़मुड़ी, डोमपाड़ा,तांतीपाड़ा, एवं न्यू मार्केट पर लटकी तलवार
उन्होंने कहा केबल की 951 एकड़ जमीन के अधिकांश भाग आज वीरान है। यहाँ 76 पूर्व कर्मचारी, 321 दुकान प्रतिष्ठान, एवं 6 शैक्षणिक संस्थान को केंद्र सरकार की पहल पर खाली करने का फरमान जारी किया गया है। जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुनर्वास और वैकल्पिक उद्योग के लिए सड़क से लेकर संसद और राज्यपाल तक आंदोलन के लिए यहाँ की जनता तैयार है। उन्होंने कहा कि यह कि निवासियों के जीवन को केबल्स बंद होने के बाद सामान्य बनाने में कई वर्ष लग गए। अब पुनः उजड़ने की रणनीति बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 4 फरवरी को भारी संख्या में जनसमूह अपनी फरियाद लेकर केबल्स अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
मौके पर स्नेहामय माजी, उत्त्पल महतो, राजा मुखर्जी, सीताराम यादव, बापी बनर्जी, अतनु बनर्जी, राणा माजी, सौमित्रो चटर्जी, चंदन सिंह, जयंतो रॉय समेत भारी संध्या में महिला एवं पुरुष उपस्थित थे।