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पुलिस के वाहन चालक ने मांगे पैसे, पिटाई और भद्दे शब्दों के बाद लॉकअप में किया बंद

पीड़ित वाहन चालक और अधिवक्ता नन्द बिहारी यादव

पुलिस आयुक्त से इंसाफ की गुहार

आसनसोल -दुर्गापुर के झंडाबाद स्थित अरविंदो नगर 1/सी निवासी पेशे से वाहन चालक अखिलेश राय ने पुलिस आयुक्त से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कुल्टी थाना अंतर्गत चौरंगी फांड़ी के वाहन चालक पर रुपये मांगने और मारपीट करने के साथ ही झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाते हुये, आसनसोल कोर्ट के अधिवक्ता नन्द बिहारी यादव के साथ मंगलवार को पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा है.

वाहन में लदे थे भैंस

ज्ञापन के माध्यम से अखिलेश राय ने पुलिस आयुक्त को जानकारी दी है कि पिछले महीने 18 जून को वह अपने भाई मुकेश राय के भाड़े की वाहन (डब्लूबी-39/ बी-4037) एवं एक और वाहन (डब्लूबी-39/ बी-4652) उनके साथ थी, हमलोग बिहार से भैंस लादकर दुर्गापुर के लिए आ रहे थे, कि अचानक चौरंगी फांड़ी के पेट्रोलिंग पुलिस के वाहन चालक ने उसकी वाहन को रोकने का इशारा किया, दोनों वाहनो के रुकते ही पेट्रोलिंग पुलिस के वाहन चालक ने 1500 रुपये कि मांग की, जब अखिलेश ने रुपये देने से इंकार कर दिया तो वाहन के कागजात दिखाने को कहा गया, अखिलेश ने दोनों वाहनों के कागजात दिखाए, फिर भी दोनों वाहनों को चालक समेत चौरंगी फांड़ी लाया गया.

पिटाई कि और भद्दे शब्दों का इस्तेमाल

अखिलेश का आरोप है कि फांड़ी में पुलिस के वाहन चालक ने उनकी पिटाई कि और भद्दे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए लॉकअप में बंद कर दिया. जिसके बाद एक पुलिस अधिकारी आये और उनके वाहनों के कागजात की जाँच करने के बाद दो हजार रुपये का जुर्माना काट दिया. अखिलेश ने कहा कि पुलिस वाहन के चालक द्वारा पिटाई किये जाने से उन्हें काफी चोटे आई है और अबतक इलाज चल रहा है तथा बाएं तरफ की कान में दर्द है और सुनने की समस्या हो रही है.

असंवैधानिक और अमानवीय घटना

पीड़ित चालक के अधिवक्ता नन्द बिहारी यादव ने कहा कि यह बिल्कुल ही असंवैधानिक और अमानवीय घटना है, किसी भी पुलिस के वाहन चालक को यह अधिकार नहीं है कि वो सड़क पर वाहनों की जाँच करे और रुपये मांगे एवं रुपये नहीं देने के एवज में उसके साथ मारपीट कर कर उसे लॉकअप में बंद कर दे, यह एक बेहद ही गंभीर मामला है इसपर स्वयं पुलिस आयुक्त को जाँच कर कार्यवाही करना उचित होगा. अधिवक्ता श्री यादव ने कहा कि यदि उनके मुवक्किल को यहाँ से इंसाफ नहीं मिलता है तो वे अदालत का दरवाजा खट-खटायेगे और पीड़ित को इंसाफ दिलाकर रहेगें.

Last updated: जुलाई 10th, 2018 by News Desk