दक्षिणखण्ड ग्राम पंचायत उप प्रधान अनंत घोष एक बार फिर चर्चा में हैं। एक बार फिर उनके खिलाफ अंडाल थाना में शिकायत दर्ज कराया गया और मारपीट का आरोप लगाया गया है।
मामला दक्षिणखण्ड में धर्मराजतला के पास बन रहे बस स्टैंड से जुड़ा है। एक स्थानीय निवासी दीन बंधु गोराई का कहना है कि पंचायत जबर्दस्ती उनके जमीन पर शौचालय बनाना चाहता है। उनका कहना है कि बस स्टैंड के पीछे की जमीन उनकी पैतृक संपत्ति है और उस जमीन पर जबर्दस्ती पंचायत शौचालय बनाना चाहता है। इस बाबत उन्होने पंचायत प्रधान, समिति सभापति, बीडीओ-अंडाल , एवं एसडीओ -दुर्गापुर सभी को चिट्ठी लिखी है।
उसी क्रम में आज उन्होने बीते शुक्रवार 25 जनवरी को अंडाल थाना में शिकायत दर्ज कराया कि पंचायत उनके जमीन पर शौचालय बनाना चाहता है । विरोध करने पर दक्षिणखण्ड ग्राम पंचायत के उप प्रधान अनंत घोष ने कुछ युवकों के साथ मिलकर उनके घर पर हमला किया, उनकी पत्नी, बेटा, बहू, बेटी सभी के साथ मारपीट की। पीड़ित पक्ष ने एक औडियो पेश कर बताया कि किस प्रकार उनके घर पर हमला हुआ
कोयला माफिया संरक्षण के आरोप में पहले भी दर्ज हो चुकी है शिकायत
गौरतलब है कि इसी अनंत घोष के खिलाफ अंडाल थाने में करीब दो महीने पहले शिकायत दर्ज कराई गयी थी और आरोप लगाया था कि अनंत घोष कोयला माफिया को संरक्षण दे रहे हैं एवं किसानों कि जमीन पर जबर्दस्ती अवैध कोयला खदान शुरू करना चाहते हैं। उस वक्त भी उनके खिलाफ एक औडियो खूब वाइरल हुआ था ।
अनंत घोष ने अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज किया है और कहा है कि उस जगह पर बीस वर्षों से बस स्टैंड है और कोई अलग से बस स्टैंड नहीं बन रहा है , पुराने बस स्टैंड को ही तोड़कर नया बस स्टैंड बनाया जा रहा है । यदि उन्हें जमीन की कोई शिकायत थी वे इतने दिनों से कहाँ थे ?
हालांकि पीड़ित पक्ष ने अपने शिकायत में लिखा है कि उसे बस स्टैंड से कोई शिकायत नहीं है वे उसके पीछे की जमीन नहीं देना चाहते हैं। बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन मार-पीट की घटना यदि सच है तो निस्संदेह निंदनीय है। जमीन के मालिकाना का मामला दस्तावेजों के आधार पर प्रमाणित होता है। मारपीट से नहीं। मामला 20 वर्षों का हो या 1 वर्ष का , सरकार स्वयं किसी के जमीन को अवैध रूप से दखल नहीं कर सकती है। उसके लिए कानून है और जमीन अधिग्रहण के माध्यम से उसे जमीन मिल सकती है।