जोड़ापोखर थाना क्षेत्र क़े अंतर्गत शालीमार पूर्णाडीह भूलीक्वार्टर बस्ती निवासी दीपक सेन के आवास पर सोमवार देर रात अज्ञात अपराधियों द्वारा ताबड़तोड़ चार गोलिया चलाई। गोली चलाने के बाद अपराधियों ने घर का दरवाजा खुलवाने क़ा काफी प्रयास किया, वहीँ भुक्तभोगी ने घटना की लिखित शिकायत जोड़ापोखर पुलिस को देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। घटना की खबर मिलने के बाद जोड़ापोखर पेट्रोलिंग पुलिस पहुँची और तीन खोखा बरामद किया हैं, दीपक सेन ने बताया कि अपराधियों ने देर रात चार गोलियाँ चलाई हैं. गोली लोहे क़ा दरवाजा को पार करते हुए घर में रखी फ्रीज में जाकर फंस गया। भुक्तभोगी ने यह भी कहा कि रात करीब 12 बजे मेरे पुत्र के मोबाइल फोन पर मनीष शर्मा, कृष्णा साव और कुणाल सिंह द्वारा कॉल कॉन्फ्रेस में लेकर गाली गलौज करते हुए कहा कि दिल्ली में भाग कर रहते हो, तेरे पिता दीपक को गोली मारने जा रहे बचा लो और देर रात 1 बजे गोली चली हैं। दीपक ने बताया कि अपने घर में अकेले था, उसकी पत्नी मायके गयी हैं और दोनों पुत्र कमल सेन और नील कमल सेन दिल्ली में दो महीने से जॉब कर रहे हैं। घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सूचना पाकर जोड़ापोखर पेट्रोलिंग में सब इंस्पेक्टर मुकेश राउत दल बल के साथ पहुँचे और घटनास्थल से तीन गोली का खोखा बरामद कर जब्त कर अपने साथ थाने ले आई. थाना प्रभारी राजदेव सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को मिली है और पुलिस द्वारा अनुसन्धान की जा रही हैं
एक वर्ष पूर्व पग्गी हत्याकांड में दीपक सेन के पुत्र कमल सेन को आरोपी बनाया गया था
ज्ञात हो कि दीपक सेन का पुत्र स्वर्ण कमल सेन फुसबंगला पग्गी हत्याकांड का आरोपी है, जो अभी जमानत होने के बाद दिल्ली में रह रहा है। एक साल पहले फुसबगला के रहने वाले पग्गी सिंह को गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। जिसमें दीपक सेन के पुत्र कमल सेन सहित सात नामजद आरोपी बनाया गया था। कमल सेन न्यायालय से जमानत पर है तथा अन्य आरोपी जेल में बंद है. पग्गी हत्याकांड के बाद फुसबगला शालीमार और जामाडोबा जीतपुर के युवकों के बीच आपसी रंजिस बढ़ गया है । युवकों के गुटबाजी के कारण आए दिन मारपीट गोली चलने की घटनाए आम बात हो गई है।
जोड़ापोखर थाना क्षेत्र में अपराधी बेलगाम
बीते कुछ वर्षों की अगर बात की जाए तो जोड़ापोखर थाना क्षेत्र में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है, या यूं कहें अपराधी बेलगाम हो गए है। अपराधियों के मन में पुलिस का ख़ौफ़ अब नहीं रहा। कुछ दिन पहले ही जोड़ापोखर थाना क्षेत्र में रेलवे के ठेकेदार बबलू सिंह को दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई थी, जिसका उद्भेदन अभी पुलिस कर भी नहीं पाई की ऊपर से एक और नए मामले ने दस्तक दे दी. एक के बाद एक जोड़ापोखर थाना क्षेत्र आपराधी बेख़ौफ़ होकर घटना को अंजाम दे रहा है. एक घटना सुलझ पाता नहीं कि दूसरा मामला सामने आ जाता है. अब तो लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल करने लगे है. धनबाद जिले में जोड़ापोखर थाना लोगों के लिए अब सुरक्षित नहीं रह गया है. यहाँ के निवासी हर पल डर के साये में जीने को मजबूर है. यु कहे कि पुलिस सुस्त तो आपराधी चुस्त हो गया है। मालूम हो कि इस थाना में कई एसआई तथा एएसआई कार्यरत है फिर भी आपराधियो पर अंकुश यहाँ की पुलिस लगाने में नाकाम है.जबकि पुलिस विभाग क़े द्वारा वैसे अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे की अपराधी क़े मन में पुलिस प्रशासन का खौफ बनी रही और अपराधी अपराध करने से पहले दस बार सोचे।