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फोनी तूफान से पहले ही सतर्क हुये मैथन डैम के नाविक, जिला प्रशासन ने नहीं ली सुध

बंगाल की खाड़ी से उठी फोनी तूफान ने जहाँ उड़ीसा समेत बंगाल के कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है वहीं दूसरी ओर सीमावर्ती इलाकों के लोगों में भी भय और डर का माहौल बना हुआ है।

शुक्रवार दोपहर से ही मैथन डैम की जलाशय में नौका चलाने वाले नाविकों ने नाव को बंद कर सुरक्षित किनारों पर बाँध दिया और किसी पर्यटक को लेकर पानी में नहीं जा रहे है किंतु आश्चर्य की बात यह है कि झारखंड और बंगाल की भू-भाग पर अवस्थित मैथन डैम के नाविकों तथा पर्यटकों को जिला प्रशासन की ओर से कोई भी निर्देश अथवा सूचना नहीं जारी की गई है।

मैथम डैम मजूमदार निवास से संचालित(बंगाल) मैथन बोटिंग सेंटर के कर्मी मुनीर अंसारी ने बताया कि उन्हें किसी भी प्रकार की सूचना तथा चेतावनी नहीं दिया गया है, किन्तु फोनी जिस प्रकार से तबाही मचा रही है, समाचार माध्यमों से जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर से ही जल भ्रमण पर हमलोगों ने रोक लगा दिया है और तूफान थमने तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है ताकि कोई दुर्घटना न घटे।

डैम के दूसरे छोर पर स्थित बाबू बोट घाट(झारखण्ड) के संचालक मंटू महतो ने बताया कि शुक्रवार की सुबह 2 पर्यटक को घुमाने के बाद सभी नाविक अपने अपने घर चले गए जिसका निर्णय हमलोगों ने स्वयं लिया, जिला प्रशासन और डीवीसी की ओर से कोई भी निर्देश नहीं जारी किया गया है।

मामले को लेकर डीवीसी मैथन सूचना जनसंपर्क अधिकारी एम विजय कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि डैम की दोनों और जिला प्रशासन की आदेश से नौका संचालित होती है। रही बात रेड अलर्ट की तो यह जिला प्रशासन द्वारा ही किया जाता है।

नाविक बताते है कि मैथन डैम समेत आप-पास के इलाकों में कोई भी दुर्घटनाओं में स्थानीय प्रशासन उनकी सहायता लेते है। हालांकि उनलोगों को फोनी को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, फिर भी वे लोग आपात काल में जिला प्रशासन की सहयोग के लिए तत्पर है।

पूरे प्रकरण में मौषम विभाग समेत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी जिला अधिकारी को आपदा से निपटने के लिए सतर्क और तत्पर रहते की अधिसूचना जारी की है, ऐसे में जिला प्रशासन सतर्कता की धरातल पर ढुलमुल रवैया अपनाए हुये हैं।

Last updated: मई 3rd, 2019 by Guljar Khan