झमाडा में सेवानिवृत्त होने के बाद भी कर्मियों को नहीं मिलता पूरा भुगतान
धनबाद-करो फल की चिंता मत करो ऐसा मुहावरा आपने सुना होगा लेकिन यह मुहावरा झमाडा कर्मियों पर सटीक नहीं बैठता है क्योंकि जिंदगी भर विभाग में अपनी सेवा दी लेकिन जब सेवानिवृत्त हुए तो भी अपने ही पावना के लिए विभाग में दौड़ना पड़ रहा है। झमाडा में सेवानिवृत्त कर्मचारी इन दिनों काफी परेशान है।उम्र के इस पड़ाव में भी अपने पैसे के एडी चोटी एक करनी पड़ रही है।जबकि कोर्ट का भी आदेश है कि सेवानिवृत्त होने पर उनका भुगतान तुरंत कर दिया जाए लेकिन कोर्ट का आदेश इस विभाग में नहीं माना जा रहा है।
झमाडा में बाजार और जलदार के मद से पैसा आता है लेकिन इन पैसों से केवल कार्यरत कर्मियों को ही भुगतान किया जा रहा है।कोर्ट के आदेश के बाद रिटायर कर्मियों को प्रबंधन 50 हजार की राशि का भुगतान करने लगा लेकिन एक क़िस्त की राशि 3 महीने पर ही मिल पाती है।जबकि नगर विकास विभाग ने झमाडा को एक आदेश पत्र में कहा था सेवानिवृत्त कर्मियों को भी भुगतान किया जाए लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है।
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