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केंदुआ में 70 वाँ सालाना उर्स में जलसा और नातिया मुशायरा में झूमे लोग

केंदुआ हज़रत अब्दुल लतीफ़ अलिमि रशीदी कादरी अलैहे रहमतों रिज़वां का 70 वाँ सालाना एक रोजा उर्स पाक रविवार को केंदुआ 4 नंबर में बड़े अजिमशान से मनाया गया।अहले सुबह गुसुल और संदल पोशी की गई, फिर इस के बाद दिगरे,तमाम रस्म अदा की गई। बाद नमाज असर चादर जुलूस निकाला गया। जुलूस में लोग नाते पाक पढ़ते चल रहे थे, रह रहकर, मज़हबी नारा भी लगा रहे थे।फिर दरहाग पहुँचने के बाद साहबे मजार की बारगाह अक़दस में चादर पेश की गई। सलाम और फ़ातेहा खानी के बाद सामुहिक दुआ मांगी गई।

नमाज मग़रिब बाद तबरुकाते अक़दस की कराई जाएगी जियारत


तबरुकात अक़दस की ज़ियारत में काफी भीड़ हुई।लोग एक नजर पाने और बोसा लेने के लिए तड़प रहे थे,सबको सब्र और आराम से ज़ियारत के लिए अपील की जा रही थी।तबरुकात जियारत में

1 मुए मुबारक हुजूर सरवरे कायनात (स)

2 खानाए काबा का गिलाफ,

3 जारुब मुकद्दस रौजाएँ अक़दस हुजूर( स)

4 चादरें मुबारक पुरअनवार हुजूर (स)

5 चादरे शरीफ सैयदना गौस आज़म रजी अल्लाह तआला अन्हा

6 चादरे शरीफ सैयदना दाता गंज बख्श लाहौरी।

7 चादरे शरीफ़ सुलतानुलहिन्द ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी( रहम)

8 चादरे शरीफ बाबा फरीद गंज शक्कर (रहम )की चीजें शामिल थी।

रात भर हुआ जलशा

बाद नमाज ईशा यहाँ जलशा और नातिया मुशायरा का आयोजन हुआ। इसमें अमेरिका के दो उलेमा मौलाना गुलाम ज़रकानी और गुलाम सुब्हानी साहब शामिल होकर अपने तकरीर से सामईन के रूह का ताजा कर दिया। फिर देश के विभाजन जगहों से शामिल हुए इस जलशा में शायरों ने नातेपाक पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।मौलाना गुलाम समदानी के द्वारा लिखी किताब का विमोचन भी हुआ। इंतेजामिया में गुलाम शब्बीर अहसन मनवरी के अलावे खनदान के लोग औरसिलसिले लोग सक्रिय थे।

Last updated: दिसम्बर 12th, 2021 by Pappu Ahmad