रानीगंज। छठ पूजा के ऊपरांत तुलसी विवाह का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है। इस अवसर पर रानीगंज के विभिन्न मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से इस कार्यक्रम को लोग अपने ही घर में परंपरा के मुताबिक मना रहे हैं और माता तुलसी की विवाह कार्यक्रम को संपन्न करने में लगे हैं।
तुलसी विवाह के संदर्भ में पंडित प्रमोद शास्त्री ने बताया कि तुलसी विवाह पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राप दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओगे। इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाहकर लिया। तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
Last updated: नवम्बर 25th, 2020 by

