शहीद सदानन्द झा रेलवे मार्केट गोमो के 40 दुकानों को रविवार को तोड़ने की घोषणा से रेलवे मार्केट के सभी दुकानदारों में काफी दहशत और आक्रोश व्याप्त है। सभी दुकानदारों का कहना था कि यह मार्केट 1974 से रेलवे से आवंटित है। पूर्व में सभी दुकानों का किराया भी रेलवे को दिया जाता था। फिर रेलवे ने दुकानों का किराया लेना बंद कर दिया है, अब तोड़ने आ रहे हैं। यह कहाँ का इंसाफ है। सभी दुकानदार सड़क पर आ गए।
इस मामले को लेकर रविवार को गोमो चैंबर ऑफ कॉमर्स और समाजसेवियों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक गोमो आर पी एफ पोस्ट में हुई। जहाँ दुकानदारों ने रेलवे अधिकारियों से 20 फरवरी तक अपनी दुकान हटाने का समय मांगा। जिसे रेलवे अफसरों ने मान लिया। वार्ता में, ई0 एन0 नितिन मंगलवाल, आई व डब्लू अयूब अंसारी, आर पी एफ इंस्पेक्टर आर आर सहाय, सब इंस्पेक्टर पी मिंज, हरिहरपुर थाना प्रभारी अगनु भगत, अफाक अनवर खान, संतोष महतो, गुरमीत सिंह पूर्व मुखिया, सतीश कुमार पूर्व मुखिया, हिरामन नायक, मो0 नुमान, नित्य दा सहित काफी संख्या में दुकानदार उपस्थित थे।
गौरतलब है कि गोमो में रेलवे ने 5 दिनों के अंदर अबतक सैकड़ों दुकान और मकान ध्वस्त कर दिया है। चारों ओर मलबा बिखरा पड़ा है। रास्ता बिल्कुल सुनसान हो गया है। रात में सड़क पर चलने वाले राहगीरों और ड्यूटी पर आने-जाने वालों जान का खतरा भी बढ़ गया है।
हजारों की संख्या में परिवार बेरोजगार हो गए हैं। लोगों के बीच भूखे मरने की नौबत आ गई है। रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान अभी और चलेगा। रेलवे ने गोमो के लिए कई योजनाएँ स्वीकृत की है इसलिए दुकानों को तोड़ा जा रहा है ।