रानीगंज मेजिया दामोदर नदी के किनारे ‘ सुरक्षा ‘ एवं पीबी टीवी की ओर से आयोजित संगोष्ठी में रानीगंज के विकास एवं मेजिया क्षेत्र के सौंदर्यकरण पर अपने वक्तव्य में कथाकार सृंजय ने कहा कि रानीगंज एक ऐतिहासिक शहर मात्र बनकर रह गया है दिन प्रतिदिन इस नगर का अवगति ही होता आ रहा है इसके कई कारण हैं जिसमें प्रमुख कारण जहां राजनीति है वहीं दूसरी कारण यहां के बाशिंदे भी है। यही वजह रहा है कि इसका लाभ राजनीतिक रूप में उठाता जाता रहा और मात्र राजनीति लाभ के लिए इस नगर का इस्तेमाल होता रहा है।
रानीगंज कोयलांचल शिल्पांचल का ऐतिहासिक शहर के रूप में मात्र नाम का रह गया है
साहित्यकार एवं मेजिया थर्मल पावर के हिंदी अधिकारी अरविंद सिंह ने कहा कि जब तक हम अपने अधिकार के प्रति जागरुक नहीं रहेंगे हम अपने अधिकार के लिए काम नहीं करेंगे हमें कुछ भी मिलने वाला नहीं है प्रोफेसर त्रिवेणी देवी भालोटिया कॉलेज के मीना सिंह ने कहीं की यह रानीगंज शहर पूरे कोयलांचल शिल्पांचल का जनक के रूप में रहा है। बस मात्र नाम कहीं यह रह गई है। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सुमन ने कहा कि रानीगंज कोयलांचल शिल्पांचल का ऐतिहासिक शहर के रूप में मात्र रह गया है कारण चाहे जो भी रहे पहले यह शहर महकमा शहर था जिसे आसनसोल स्थानांतर कर दिया गया। रानीगंज में प्रथम रेलवे स्टेशन का स्थान प्राप्त है और मंडल रानीगंज को बनाया जाना था लेकिन असहयोग की वजह से आसनसोल को बनाई गई । नगर पालिका था जिसे कॉरपोरेशन में तब्दील कर दिया गया। भारत के प्रथम कोयला खनन के रूप में प्रसिद्ध नारायण पुरी मात्र नाम का रह गया है ।
रानीगंज से छिन गया लेकिन उम्मीद अभी भी बाकी है
रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ओम प्रकाश बाजोरिया ने स्वीकार करते हुए कहा कि सबकुछ रानीगंज से छिन गया लेकिन उम्मीद अभी भी बाकी है। हमें जागरुक होकर काम करने की जरूरत है। इस अवसर पर पूर्व विधायक सोहराब अली, रानीगंज बोरो चेयरपर्सन संगीता सारडा , प्रधान अशोक हेलो , आर पी खेतान, अनल मुखर्जी, अजय खेतान, जुगल किशोर गुप्ता, मॉर्निंग वॉकर के पवन टंडन, के पी सिंह, अशोक अरोरा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सह अध्यक्षता प्रोफेसर डीपी बर्णवाल ने करते हुए कहा कि इस क्षेत्र कि अवगति के पीछे प्रमुख कारण राजनीति रहा है लेकिन इसके लिए हम सब को पुनः एक बार जागरूक होने की जरूरत है। इस इलाके के सौंदर्यीकरण के लिए उन्होने कई प्रस्ताव को रखें। कार्यक्रम का संयोजन कुमार जितेंद्र एवं दलजीत सिंह ने किया. धन्यवाद ज्ञापन विमल देव गुप्ता ने की।