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लॉकडाउन में विद्यालय द्वारा पूरी फीस लिये जाने के विरोध में अभिभावकों का विरोध प्रदर्शन

इण्डिया इंटरनेशनल स्कूल के अभिभावकों ने रविवार 19 जुलाई शाम 4:00 बजे विद्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में जब विद्यालय बंद है, बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है, उसके बाद भी विद्यालय अभिभावकों पर पूरा फीस जमा करने का दबाव बना रहा है, यह अनुचित है ।

विद्यालय प्रबंधन द्वारा फोन कर करके बार-बार फीस मांगे जाने से अभिभावक नाराज हैं, वे चाहते हैं की लॉकडाउन की अवधि में कोई फीस न ली जाए अथवा बहुत मामूली फीस ली जाए।

फीस के नाम पर विद्यालय प्रबंधन एवं अभिभावकों में काफी दिनों से रस्साकस्सी चल रही है। कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं फिर भी किसी संतोषजनक नतीजे पर नहीं पहुँच पाए । विद्यालय की मनमानी से तंग आकर अभिभावकों ने जिला शासक को भी शिकायत किया है। फिर भी विद्यालय प्रबंधन पूरा फीस लेने पर अड़ा हुआ है।

एक अभिवावक दीपू वर्मन ने बताया कि वे लोग कई बार प्रबंधन से फीस नहीं लेने की अपील कर चुके हैं लेकिन प्रबंधन उनकी बातों को अनसुना कर रही है और बार बार फीस जमा करने के लिए दबाव बना रही है ।

दीपू वर्मन ने बताया कि विद्यालय यदि चाहे तो शिक्षकों एवं अन्य विद्यालय कर्मियों को कुछ खर्च देने के लिए सामान्य फीस अभिभावकों से ले सकता है लेकिन पूरा फीस जिसमें भवन शुल्क, लाइब्रेरी शुल्क, लैब शुल्क, खेल शुल्क, ट्यूशन शुल्क इत्यादि शामिल है इसे लेना अनुचित है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान निजी विद्यालयों की मनमानी से पूरे भारत में अभिभावक परेशान हैं । एक तरफ लॉक डाउन के कारण अभिवावकों का रोजगार छिन गया है तो दूसरी तरफ विद्यालय फीस जमा करने का दबाव बना रहा है। ऐसे में अभिभावक दोहरी परेशानी का सामना कर रहे हैं। केंद्र अथवा राज्य सरकार को इस मामले में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करना चाहिए, ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके एवं विद्यालय में काम करने वाले शिक्षक एवं कर्मियों को भी कुछ वेतन मिल सके।

Last updated: जुलाई 20th, 2020 by News-Desk Asansol