Site icon Monday Morning News Network

पारा शिक्षकों की उपेक्षा पर बरसे पूर्व स्पीकर, हड़तालियों की नहीं सुध ले रही सरकार

मधुपुर (पालोजोरी)– 20 दिसम्बर को सारवां में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में खलल ना हो इसे लेकर गुरुवार की रात पुलिस ने दो पारा शिक्षक शमशुल सारी व मुकेशसाह को गिरफ्तारी किया था । गुरुवार की रात थाना में शमसुल अंसारी को ठंड लग गया था । शुक्रवार रात घर पहुँचते ही उसकी तबियत बिगड़ गई। शनिवार सुबह शमसुल अंसारी के घर वाले उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पालोजोरी पहुँचाया। खबर सुन पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्त व पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह  उर्फ चुन्ना सिंह बीमार शामसुल को देखने पहुँचे।

पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि झारखंड सरकार निरंकुश और बेलगाम हो गई है जिस तरह जनरलडायर ने जालियांवाला बाग गोली कांड किया था। उसी तरह रघुवर सरकार ने रांची में झारखंड स्थापना दिवस के पवन अवसर पर नौजवान व महिलाओं पर बर्बरता पूर्वक पीटवाया। यह उनकी झारखंड के प्रति अमांनीय दिखती है। पारा शिक्षक अपने हक की लड़ाई लड़ रही है यहाँ शराब बेचने वाले को पंद्रह हजार दिया जाता है। बताया कि पारा शिक्षकों को या तो जल्द रेगुलर शिक्षकों में समायोजन करें अगर उसमें विलंब हो तो कम से कम 20 हजार से ऊपर मानदेय निर्धारित करें। लेकिन सरकार उल्टे पारा शिक्षकों को प्रताड़ित करने में लगी है। इन लोगों के बदले दूसरे से काम कराने की तैयारी की जा रही है। सरकारी मशीनरी फेल हो गई है। स्कूल बंद पड़े हैं, बच्चे बर्बाद हो रहे हैं लेकिन सरकार जन चौपाल लगाकर अपनी पीठ खुद थपथापा रही है। यदि सरकार काम कर रही है तो विज्ञापन देने की क्या आवश्यकता है उन्हें प्रचार की क्या जरूरत है। यहाँ की जनता कहे कि काम हो रहा है असल काम है। अभी 90% बाहरी शिक्षक बहाल हुए उसके बारे में सरकार कुछ नहीं बोल रही। वहीं पारा शिक्षकों शुद्ध झारखंडी है और झारखंड के लोगों की सहानुभूति प्राप्त है। उस पर पर सरकार कुछ नहीं कर रही है। साथ ही बताया कि मेरी सहानुभूति पारा शिक्षकों के साथ है और हमारी सरकार की पूरी कोशिश रहेगी कि पारा शिक्षकों को रेगुलर शिक्षकों में समायोजन किया जाय तथा इनके वेतन में भी वृद्धि हो।


वही पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह ने कहा कि यह अंधी सरकार कुछ समझ में नहीं आ रहा है। वह क्या कर रही है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि  ठीक ही कहते है लोग नशा करने वाले घर को बर्बाद करने में लगे है।फिर भी उनके साथ रहनेवालों को समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मंत्री व विधायकों को एक सुर में कहे कि लिगल करे झारखंड को सताये नही। अगर मुख्यमंत्री को सतना है तो अपने प्रदेश में जा कर सताये लेकिन इनके प्रदेश में हर तरह की मांग पुरी हो चुकी है। सरकार किस ज़िद में व कोन से नशे में है। 
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अब भी सुधरी तो पारा शिक्षकों के साथ हमलोग भी सड़क में उतरेंगे।मौके पर राजेश राय, किशन झाझरिया, अमन त्रिवेदी, आनंद गोपाल महतो, रतन दास सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। 

Last updated: दिसम्बर 23rd, 2018 by Ram Jha