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रामनवमी में डीजे एवं शस्त्र प्रदर्शन पर रोक हटाने के लिए मेयर को लिखा खुला पत्र

शराबबंदी पर खुशी और डीजेबंदी पर आपत्ति

आगामी 25 एवं 26 मार्च 2018 को होनेवाले रामनवमी अखाड़े में डीजे एवं शस्त्र प्रदर्शन पर पाबंदी से आहत एक  खुला पत्र रानीगंज भाजपा मण्डल के मदन त्रिवेदी  द्वारा विभिन्न सोशल साइट्स में शेयर किया गया  है । हालांकि पत्र में उनका नाम नहीं लिखा है और इसे एक साधारण नागरिक के नाम से लिखा गया है। इस पत्र में शराबबंदी का समर्थन किया गया है एवं इसके लिए उन्हें साधुवाद दिया लेकिन डीजे एवं शस्त्र प्रदर्शन की पाबंदी पर आपत्ति की है। पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा के बहाने प्रशासन ने डीजे और माईक एवं हथियार प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। जो करोड़ों हिन्दुओं के ह्रदय पर आघात के समान है। जब हम एक बच्चे का जन्मदिन मनाते हैं तब भी डीजे लगाने का प्रचलन बन गया है और वहीं भगवान श्रीराम तो जन जन के मन में रमे, हमारे आराध्य हैं। तो क्या जन जन के आराध्य के जन्मदिन पर डीजे नहीं बजनी चाहिए ? माईक नहीं बजना चाहिए ? बैंड बाजे नहीं बजना चाहिये ? ऐसा क्यों ? क्योंकि परीक्षार्थीयों को असुविधा होगी ? कैसा हास्यास्पद बहाना है ?

परीक्षार्थी स्वयं को इस शोभायात्रा में शामिल होने से रोक नहीं पाएंगे

आगे कहा गया है कि ” क्या आपको लगता है कि बहुसंख्यक परीक्षार्थी अपने आपको इस शोभायात्रा में शामिल होने से स्वंय को रोक पायेंगे ? क्योंकि अब यह शोभायात्रा देवघर और उज्जैन में निकलने वाले “” शिव बारात” और काशी नगरी में निकलने वाली “नक कट्टईया “” रामलीला की भाँति ही लोकप्रिय हो चुकी है और लाख की संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं तथा कोई भी इस शोभायात्रा में शामिल होने से चुकना नहीं चाहता और डीजे इस शोभायात्रा की जान है जो शोभायात्रा में शामिल लोगों में उमंग,उल्लास और उत्साह का संचार करता है् । अत: परीक्षा का वजुहात दिखाकर डीजे पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करें क्योंकि वैसे भी शोभायात्रा सिर्फ चार से छह घंटो में समाप्त हो जाती है और इससे दूसरे दिन परीक्षार्थी को परीक्षा देने में भारी असुविधा हो जायेगी ऐसा भी नहीं लगता। हाँ प्रशासन को जरुर एक बहाना मिल गया है इस शोभायात्रा के रंग में भंग डालने का। ”

शासन को बंगाल मेंं फैल रही बारुदी गंध को रोकने में लगाएँ

शस्त्र प्रदर्शन कि पाबंदी पर उन्होंने कहा कि ” हथियार प्रदर्शन की बात तो पुराणों में वर्णित हमारे सभी देवी देवता के पास अपने अपने शस्त्र हैं। भगवान श्रीराम ने लंका विजय के पूर्व जब माँ दुर्गा कि पूजा की थी तब साथ ही अस्त्र शस्त्र का भी पूजन किया था और तभी से यह परम्परा जनजीवन में व्याप्त है। ”

शिल्पाञ्चल सहित पूरे प0 बंगाल में घट रही हिंसात्मक घटनाओं पर ध्यानाकर्षित करते हुये कहा कि ” आये दिन बंगाल में बम, विस्फोटक और हथियारों का जखीरा बरामद होने का तथा बम बनाते समय विस्फोट होने की खबरें समाचार माध्यमों से आती रहती हैं प्रशासन उस तरफ अपनी तवज्जो दे जिसे रोकने में प्रशासन हरदम नाकाम होता आया है। शोभायात्रा में चूंकि शस्त्रपूजन का विधान है अत: प्रतिकात्मक और परम्परागत हथियार लेकर निकलने की अनुमति को प्रतिबंधित न किया जाय। प्रशासन को आप बंगाल मेंं फैल रही उस बारुदी गंध को रोकने में लगाने की अनुशंसा करें तो कृपा होगी ”

हालांकि पत्र में उन्होने अपना नाम नहीं लिखा है किन्तु जिस तरह से उन्होने विभिन्न सोशल मीडिया में इसे शेयर किया है इसे उनका ही पत्र माना जाना चाहिए। यह भाजपा का आधिकारिक बयान है या नहीं इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है। इस  विषय पर अभी उनकी कोई प्रतिकृया नहीं मिली है। 

 

Last updated: मार्च 19th, 2018 by News Desk Monday Morning