दुर्गापुर में विगत कुछ महीनों से ऑनलाइन लॉटरी धड़ल्ले से चल रही है इसको लेकर इलाके के लोगों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है यह ऑनलाइन लॉटरी अमराई मोड़, ऋषि अरविंद नगर मोड़, झण्डाबाद मोड़ प्रांतिका , बस स्टैंड मेन गेट, बेनचीती के साल बागान सहित विभिन्न इलाकों में अवैध तरीके से ऑनलाइन लॉटरी को चलाया जा रहा है सामने पर्दा लगाकर अंदर में यह लॉटरी खेली जा रही है ताकि किसी को पता न चल सके। जानकारी के मुताबिक वाम जमाने से ही इलाके में ऑनलाइन लॉटरी शुरू हुई थी । उस समय वर्तमान शासक दल ने इसका विरोधी किया था। उसके बाद तृणमूल सरकार आने पर ऑनलाइन लॉटरी का पर एक नई बिल पास की गई । ऑनलाइन लॉटरी का नाम ” वेस्ट बंगाल लाटरी रेगुलेशन ऑन पेमेंट ऑफ चार्ज फॉर डुर्र्श रूल्स 2011″ रखा गया । लॉटरी व्यवसाय टैक्स एक गुना से बढकर 5 गुना कर दिया गया था ।
ममता बनर्जी ने बंद करवा दिये ऑनलाइन लॉटरी
कुछ दिन के बाद ममता बनर्जी की सरकार ने 2013 साल में ऑनलाइन लॉटरी को बंद कर दिया मगर यह लॉटरी चोरी-छिपे दुर्गापुर शिल्पांचल सहित पूरे आसनसोल -दुर्गापुर क्षेत्र में अभी भी चल रही है। यह सट्टे का आधुनिकरण है। यह लॉटरी एक वेबसाइट के जरिये खेली जाती है जिसमें अपना कंप्यूटर लैपटॉप अथवा साइबर कैफे में जा कर साइट खोलें और होमपेज आने के बाद उसमें 0 से लेकर 90 तक का नंबर है । एक निर्दिष्ट समय में अपना पसंदीदा नंबर पर ₹20 लगाने से यदि आपकी लॉटरी लगी तो तो 1800 रुपया मिलेगा ।
पुलिस -प्रशासन को नहीं है जानकारी
इसे आसनसोल-दुर्गापुर कमिश्नरेट के खुफिया तंत्र की विफलता कहें या फिर उदासीनता क्योंकि महकमा शासक से लेकर पुलिस कमिश्नर को भी इस ऑनलाइन लॉटरी की जानकारी नहीं है जबकि शिल्पांचल के लगभग सभी व्यस्त बाज़ारों में पर्दे लगी दुकानों में बड़े ही आराम से ऑनलाइन लॉटरी का खेल चल रहा है। क्या किसी भी पुलिस अधिकारी या खुफिया अधिकारी ने यह जानने की कोशिश नहीं किया कि ऐसा कौन सा व्यवसाय है जो पर्दे के आड़ में ही किया जाता है। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के सीपी लक्ष्मी नारायण मीणा ने बताया कि हमें इस ऑनलाइन लॉटरी की जानकारी नहीं। उन्होने कहा कि हमें आपसे (अर्थात संवाददाता से )यह जानकारी मिली है । हम इसकी खोज कर कार्रवाई करेंगे । इधर दुर्गापुर के महकमा शासक शंख सातरा ने बताया कि यह ऑनलाइन लॉटरी कहां-कहां चल रहा है हमें जानकारी दें हम तुरंत उस पर कार्रवाई करेंगे।