सावन माह की तीसरी सोमवारी को शिवालयो में भक्त श्रद्धालुओं की भीड़ जलार्पण के लिये उमड़ पड़ी थी ।नागपंचमी होने के चलते पांडेश्वर और आसपास के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ ज्यादा देखी गयी ।
रविवार रात्रि में भारी संख्या में गेरुआ कपड़ा पहन कांवरियों की झुंड अजय नदी किनारे स्थित पांडव मन्दिर में उमड पड़ी थी, जहाँ पर स्थानीय शिव भक्तों द्वारा भंडारा का आयोजन किया गया रात्रि में आये भक्तों ने अहले सुबह में अजय नदी से जल लेकर बीरभूम के दुबराजपुर और बकेश्वर के साथ नीलकंठ मन्दिर के लिये रवाना हुए ।
सावन के सोमवार और नागपंचमी एक साथ पड़ने को महत्त्वपूर्ण बताते हुए बैदिक पंडित संतोष पांडेय ने बताया कि ये संयोग बहुत दिनों के बाद पड़ा है और जो भक्त आज के दिन भोले शंकर के आराधना करते हुए नाग देव् का भी आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है और भोले बाबा की भी कृपा प्राप्त होती है ।