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संकटमोचन मंदिर लोयाबाद में भागवत कथा के दूसरे दिन श्रोताओं ने भगवान कथा से लिये जन्म-मृत्यु के ज्ञान

लोयाबाद। संकटमोचन मंदिर लोयाबाद में भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को कथा वाचक पं संतोष शास्त्री ने भागवत का अर्थ बताया। कहा कि भागवत का अर्थ है भक्ति, ज्ञान वैराग्य और तारण। भागवत न सिर्फ आध्यात्म सिखाती है। बल्कि भागवत से जीवन जीने की राह भी मिलती है। मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर ही श्रीमद् भागवत जैसी भगवान की दिव्य कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। भागवत रूपी गंगा की धारा पवित्र और निर्मल है, जो पापियों को भी तार देती है।

उन्होंने बताया कि गृहस्थ,गृहस्थ जीवन में भी रहकर वैराग्य धारण कर सकते हैं। कैसे कर सकते हैं, ये कला भागवत में है। जन्म लिया, पढऩे के बाद कमाया खाया और जीवन का अंत हो जाता है। कई बार मालुम ही नहीं पड़ता कि जीवन का उद्देश्य क्या है। भागवत यही कला सिखाती है। त्याग, तपस्या, मोक्ष के साथ जीवन जीने की सही राह भागवत ही बताती है।

कथा के दौरान संगीतमय मधुर भजनो से श्रोतागण भक्ति के सागर में गोता लगाते दिखे। शास्त्री ने श्रोताओ को विस्तार पूर्वक समझाया कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तारण भागवत में ही समाहित है। इसलिए कही भी भागवत कथा हो वहाँ जाकर कथा का श्रवण जरूर करना चाहिए। कथा को सफल बनाने में मन्नू सिंह, सुनील पांडेय,संजू विश्वकर्मा, सोमेन घोष, मनोज वर्णवाल, विनोद पासवान, रंजीत साहनी आदि सक्रिय है।

Last updated: अगस्त 29th, 2021 by Pappu Ahmad