लोयाबाद में एक भी क्वारंटीन सेंटर नहीं होने से बाहर राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को क्वारंटीन होने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला लोयाबाद थाना क्षेत्र के एकड़ा में सामने आया है। चेन्नई से लौट कर आये 21 वर्षीय एक प्रवासी मजदूर को हालातो से दो-चार होना पड़ा।
मजदूर 23 को धनबल सदर से थर्मल स्क्रीनिंग कराकर एकड़ा अपने आवास पहुँचा था। मजदूर युवक की माँ ने बताया कि स्थानीय लोगों ने जब विरोध किया तो वह 24 की अहले सुबह धनबाद सदर अस्पताल चले गए। वहाँ उन्हें क्वारंटीन के लिए जगह नहीं मिली। चिकित्सक ने बाघमारा प्रखंड जाने के लिए कह दिया। जब बाघमारा पहुँचे तो वहाँ ये कहकर लौटा दिया गया कि उनका कतरास क्षेत्र पड़ेगा। आखिरकार मजदूर युवक् के पिता अपने पुत्र को लेकर एकड़ा आये। यहाँ उन्होंने एक किराए का घर भाड़े पर लिया। लेकिन फिर स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया। मजदूर युवक व उनके पिता पशोपेश की हालत में मानसिक परेशानी झेलते रहे। रात काफी हो चुकी थी, रात गुज़ारने के लिए कोई जगह नहीं मिली तो वह भगवान की शरण में चले गए। वहाँ कोई विरोध करने वाला नहीं था।
सोमवार की रात एकड़ा पुल के पास सूर्य मन्दिर में रात गुजारी। पिता अपने पुत्र के साथ मन्दिर में सोए। मंगलवार को धनबाद शहर में बिना कुछ बताये हुए काफी जद्दोजहद से एक किराए का मकान उपलब्ध हो सका। पुत्र मजदूर को वहाँ क्वारंटीन कर दिया। पिता ने कहा कि बड़ी परेशानी हुई है। फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है। मन्दिर में रात गुजारने की चर्चा पर पार्षद महावीर पासी युवक परिवार से मिले। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के लापरवाही की वजह से मजदूरों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कार्यवाही की मांग की है।