क्या प्रजातंत्र में इंसाफ क्या इतना मंहगा हो गया है ?
ख़ुशी को इंसाफ ना मिलना प्रशासन की लचर व्यवस्था उजागर करती है
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग नाम की एक एनजीओ के राष्ट्रीय महासचिव रवीन्द्र मिश्रा रविवार की देर संध्या आसनसोल एचएलजी स्थित विगत 24 दिनों से धरना पर बैठे ख़ुशी के पिता अक्षय घोष से मिलकर उन्हें इंसाफ दिलाने तथा कदम से कदम मिलकर इस लड़ाई में साथ देने का वचन दिया| इस दौरान उनके साथ बंगाल अध्यक्ष संतोष कुमार पाण्डेय के साथ दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे| उन्होंने कहा कि यहाँ के सदस्यों ने इस परिवार की आवाज़ को महाराष्ट्र स्थित मुख्य कार्यालय भेजा था, जिसके बाद मैं स्वयं यहाँ पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी समस्या से अवगत हुआ हूँ|
डाक्टर से लेकर प्रशासनिक लचर व्यवस्था यहाँ साफ दिख रही है
उन्होंने कहा कि डाक्टर से लेकर प्रशासनिक लचर व्यवस्था यहाँ साफ दिख रही है| जहाँ डी एम् कार्यालय के समीप ही अस्पताल प्रबंधन की मनमानी से एक 6 माह की बच्चे कि मौत हो जाती है, परिजन मुआवजा नहीं इंसाफ मांग रही है, ऐसे में परिवार यहाँ 24 दिनों तक ठोकर खा रही है किन्तु अधिकारियों की कान पर जूं तक नहीं रेंगना कई सवालों को जन्म देती है| उन्होंने बताया कि प्रजातंत्र में इंसाफ क्या इतना मंहगा हो गया है ? यहाँ के जनप्रतिनिधि किसकी राह देख रहे है ? राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है| मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय तक जल ही भेज दिया जायेगा| साथ ही पश्चीम बंगाल मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी जा रही है इसके लिए संगठन की पूरी टीम कार्य पर लग चुकी है| में स्वयं मुंबई स्थित मुख्य कार्यालय से पूरे मामले को निगरानी करूँगा| मौके पर अनुज सिंह, सनोज सिंह, नबनिता सोम, जगदेव गुप्ता, भोला साव, सोमेन सोम समेत अन्य उपस्थित थे|
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