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मासूम अस्पताल में शिशु की मौत, मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों का हंगामा

सालानपुर थाना अंतर्गत जेमारी रेल गेट के समीप स्थित मासूम अस्पताल में महज 17 माह की शिशु की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रबंधन पर फुट पड़ा, सैकड़ों की संख्या में उपस्थित स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया, साथ ही पीड़ित परिवार को तत्काल 5 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग करने लगे।

इधर सूचना पाकर पहुँचे दल बल के साथ सालानपुर थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली एवं कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी ने अस्पताल पहुँचकर लोगों को शांत कराने का प्रयास किया साथ ही अस्पताल का मुख्य गेट को बंद कर किसी को भी अन्दर प्रवेश करने से रोक दिया गया।

इधर सालानपुर पुलिस की पहल पर अस्पताल प्रबंधन और पीड़ित परिवार के बीच वार्ता कराई गयी, इस दौरान सालानपुर थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली ने पत्रकारों को भी अन्दर जाने से रोक दिया, इस दौरान कुछ पत्रकार सिविक पुलिस के सहयोग से अन्दर प्रवेश कर गए। किन्तु पवित्र कुमार गांगुली इस दौरान सिविक पुलिस पर भड़क कर उनपर तन गए और तत्काल उन्हें गेट से वापस भेज दिया गया, हालाँकि थाना प्रभारी के इस रवैये से पत्रकारों में काफी नाराज़गी व्याप्त है । इधर सूत्रों की माने तो 2 लाख की मुआवजे की सहमति पर परिजनों का गुस्सा शांत हुआ ।

मामले को लेकर बताया जाता है कि जेमारी मुर्गीडांगा पाड़ा निवासी राजू अंसारी के 17 माह के पुत्र रिजवान की मंगलवार को अचानक तबियत खराब हो जाने के बाद परिजनों ने देर संध्या को मासूम अस्पताल में भर्ती कराया था, बुधवार की तड़के सुबह रिजवान की अचानक मौत हो जाने से परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गयी, जबकि परिजनों को रो-रो कर भी बुरा हाल हो चुका था ।

परिजनों के अनुसार नवजात बच्चे को लगातार उल्टियाँ होने के कारण यहाँ भर्ती कराया गया था । इधर मामले को लेकर मासूम अस्पताल के मालिक डॉ० सहाबुद्दीन अंसारी ने बताया कि बच्चे की हालत काफी नाजुक थी, जिसे हमलोगों ने भर्ती करने ने इंकार कर दिया था किन्तु परिजन जबरन उन्हें यहाँ भर्ती कराया था ।

उन्होंने कहा कि परिजन बच्चे की पहले कही और चिकित्सा करा रहे थे, हालत ख़राब होने के बाद यहाँ लेकर पहुँचे थे । फ़िलहाल मामले को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है ।

Last updated: फ़रवरी 27th, 2020 by Guljar Khan