लोयाबाद। बासुदेवपुर में मंगलवार को असंगठित मजदूरों की हुई बैठक में मजदूरों ने नये सरदारों तथा संघ के अध्यक्ष व सचिव का चुनाव किया। इस बैठक में 22 दंगल में से 14 सरदारों के अलावा अध्यक्ष व सचिव का चुनाव होते ही संघ का दो फाड़ हो गया। एक गुट के मजदूरों के द्वारा संघ के नये पदाधिकारियों का जहाँ चुनाव किया गया तो वहीं दूसरे गुट के मजदूरों का लोकल सेल चालू करने की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को बासुदेवपुर कोलियरी कार्यालय के समक्ष धरना प्रस्तावित है। सुनील राय की अध्यक्षता में मजदूरों की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से स्वर्गवास हुए अध्यक्ष रामचन्द्र की पत्नी मुन देवी को अध्यक्ष बजरंग दास को सचिव,कोपली देवी उपाध्यक्ष तथा भोला सिंह को संगठन मंत्री चुना गया। बाघमारा विधायक के प्रतिनिधि दिनेश रवानी संगठन के संरक्षक बनाये गये। बैठक में जो सरदार की मृत्यु हो चुके हैं और जिनकी सरकारी नौकरी हो चुकी है या वे यहाँ से कहीं बाहर चले गए हैं तो उनके स्थान पर नये सरदारों का भी चयन किया गया। बैठक में काफी तादाद में महिला व परुष उपस्थित थे।पुनर्गठन व सरदारों की चुनाव में मौजूद तमाम लोगों की स्वीकृति शामिल थी।
पुराने सरदार की जगह नये बनाये गये सरदार
(1) विरेन्द्र साव की जगह अनिल कुमार नया
(2)स्व कैलाश भुईयाँ की जगह उनका बेटा विक्रम कुमार
(3)पूर्व अध्यक्ष स्व रामचंद्र राम की जगह उनकी पत्नी मुन देवी
(4)स्व दशरथ मल्लाह की जगह रवीन्द्र पासवान
(5)रामदेव दास की जगह उनका भाई बजरंग दास
(6)संजय बाउरी की जगह उसका भाई सुजीत बाउरी
(7)प्रेमचंद दास की जगह उनका दोस्त शिवा दास शामिल है।
ये पुराने सरदार मौजूद थे
अजय रवानी,कोपली देवी,भोला सिंह,रामसेवक केवट,केदार पासवान, प्रकाश नोनिया व रवीन्द्र सिंह मौजूद रहे।बाकी सात नए सरदारों का चुनाव किया गया है। इस खेमे में 14 सरदार नजर आ रहे है। बाकी दूसरे खेमे में आठ बताया जा रहा है।
बैठक में दिनेश रवानी बजरंग दास मुन देवी सुजीत बाउरी आदि मौजूद थे।
आठ सरदार मौजूद नहीं थे
शंकर केसरी,मो जमीर, जगेश्वर पंडित, मदन मल्लाह, भूरा मल्लाह , गुड्डू रवानी, चंद्रदेव भुइंया सहित गणेश भारती शामिल है।
बासदेवपुर लोकल सेल असंगठित मजदूर संघ का गठन फर्जी व असंवैधानिक है। उक्त बातें एक प्रेस ब्यान जारी कर असंगठित मजदूर संघ के सचिव शंकर केशरी व उपाध्यक्ष जमीर अंसारी ने कहा। दोनों ने कहा कि बगैर सचिव,उपाध्यक्ष के उपस्थिति में चुनाव कैसे हो सकता है। बैठक बुलाने का अधिकार सचिव का है। अध्यक्ष के अनुपस्थिति में कमिटी भंग करने या चुनाव का अधिकार उपाध्यक्ष का होता है।
उन्होंने कहा कि पूर्व की कमिटी कभी भंग ही नहीं हुई हैं। बहुत जल्द ही असंगठित मजदूरों को सम्मेलन आहुत कर विधि रूप से संगठन का पुर्नगठन किया जाएगा। कहा कि लोकल सेल चालू करने व मैनुअल लोड़िग की मांग को लेकर 15 अक्टुबर को बासदेवपुर कोलियरी कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया जाएगा। जानकारों की माने तो किसी भी संस्था के अध्यक्ष के स्वर्गवास ऊपरांत स्वतः कमिटी निरस्त या भंग मानी जाती है। कमिटी के सारे पदाधिकारी के पद का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है।