नेताजी के गुम होने वाले इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन पर उनकी जयंती मना कर उन्हें याद किया गया
गोमो : 23 जनवरी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्म के मौके पर गोमो रेलवे स्टेशन (जो कि अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेलवे स्टेशन है ) पर उनकी प्रतिमा को सजाया गया था। स्टेशन की साफ सफाई बहुत ही अच्छी तरह से की गई थी। इस दौरान पलटफार्म संख्या दो पर बने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर हजारों लोगों ने माल्याअर्पण कर उन्हें याद कर उनके बताए हुए सिद्धान्तों पर चलने की बात कही गई।
वक्ताओं ने कहा था कि नेताजी ने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। गोमो के लिए यह सौभाग्य की बात है कि नेता जी का गोमो से गहरा रिश्ता और यादें जुड़ी हुई है। देश की आजादी की लड़ाई के दौरान वे कई बार धनबाद आ चुके हैं। महानिष्क्रमण के दौरान वह गोमो आये थे। 18 जनवरी 1941 को उन्हें अंतिम बार गोमो में देखा गया था। और रात्रि में पलटफार्म संख्या 3 से वह कालका मेल पकड़कर पेशवर के लिए रवाना हुए थे। यहीं से नेताजी के गुम हो जाने की वजह से इस स्टेशन का नाम गोमो रखा गया था।
माल्यार्पण करने वालों में , बी0सी0 मंडल ( सी वाई एम ) पी0के0 सिन्हा , पालिक मिंज , एन0 एल0 कुमार , बबन राम , बी0के0झा , विजय कुमार , अनुप कुमार , अफाक अनवर खान , देव जानी कर्मकार , उषा मिश्रा सहित हजारों लोग शामिल हैं।
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