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अतिक्रमण अभियान चलाकर अभी तक करीब 700 दुकान और मकान तोड़ दिया गया है,शहीद सदानन्द झा रेलवे मार्केट को भी नोटिस

शहीद सदानन्द झा रेलवे मार्केट गोमो को रेलवे द्वारा तोड़ने के फरमान से सभी 49 दुकानदारों में खौफ एवं नाराजगी है। रेलवे द्वारा गोमो स्टेशन को आदर्श बनाने के नाम पर रेल प्रशासन ने अतिक्रमण अभियान चलाकर अभी तक करीब 700 दुकान और मकान तोड़ दिया है। यह सभी सड़क के किनारे की दुकानें थी। अब रेल प्रशासन ने 1975 से स्थापित शहीद सदानन्द झा रेलवे मार्केट के सभी दुकानों को नोटिस देकर दुकान खाली करने कहा है।

इससे सभी 49 दुकानदारों में काफी रोष है। यह सभी दुकानदार वहीं पर सड़क के किनारे अनिश्चिकालीन धरना देकर बैठ गए हैं। आज धरना का तीसरा दिन है। इन दुकानदारों का कहना है कि सरकार एवं रेल प्रशासन लोगों को रोजगार तो नहीं दे रही है। लेकिन रोजगार छिनकर जरूर बेघर कर दी है।

रेलवे पहले हम सभी दुकानदारों का पहले वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे। क्योंकि हमलोगों का दुकान रेलवे द्वारा 1974 से आवंटित है और हम लोगों ने 2017 तक रेलवे को किराया दिया है। सड़क के किनारे बंद दुकानों को भी तोड़ा गया दुकान के सारे सामान बर्बाद हो गए हैं।

हमलोग बेफिक्र थे कि हम लोगों का दुकान रेलवे से एलॉटमेंट है। हम हमलोगों पर भी दुकान हटाने को बोला जा रहा है। सड़क के किनारे से एक फर्नीचर दुकान तोड़ देने के कारण श्यामानन्द मण्डल नामक एक दुकानदार का शुक्रवार को मौत हो गयी है। दुकान टूटने से वह कई दिनों से सदमे में थे। धरने पर बैठे सभी दुकानदारों ने मृतक की याद में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

समाज सेवी विदया नन्द यादव ने कहा कि जब से सड़क के किनारे की दुकान टूटी है। चारों ओर अंधकार सन्नाटा और भय का माहौल है। स्टेशन के एक किलोमीटर तक तक एक भी दुकान नहीं है। ट्रेनों के मुसाफिर और आम जनता को भी भारी दिक्कत हो रही है।

माँ बहनों को भी रात में चलना मुश्किल हो गया है। चोरी छिनतई की घटनाओं में भी भारी इजाफ़ा हुआ है। रेल प्रशासन को भी आम जनता कि मजबूरी को समझनी चाहिए।

Last updated: फ़रवरी 22nd, 2020 by Nazruddin Ansari