साहिबगंज। पुरानी साहिबगंज के नया टोला के वार्ड नंबर 18 में बुधवार को हुई लगातार आधे घंटे की बारिश के बाद पूरी नाली ही जाम हो गई है। जिसके कारण गाँव वाले बहुत परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
बता दें कि पुरानी साहिबगंज स्थित नया टोला में नाली निर्माण के बावजूद भी यह नाली हमेशा जाम (चोक) रहती है। सड़क पर बार-बार पानी फंस जाने के कारण गाँव वाले हमेशा पानी जाम की समस्या से जूझते रहते हैं। जबकि यह पानी 20 से 25 दिनों तक लगातार गड्ढे नुमा सड़कों पर बनी रहती है। नाली में पानी के जाम रहने के कारण गाँव वाले अपने घरों में ही कैद रहने को मजबूर हैं। बाहर निकलने में भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि इस नाली के पानी का उचित निकासी नहीं बनाई गई है। जिसके कारण सड़क पर पानी हमेशा फंसी रहती है, और यहाँ मच्छर और गंदगी हमेशा व्याप्त रहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि लाखों रुपये के नाली निर्माण में ठेकेदार तो मस्त हो गए, परन्तु यहाँ की जनता त्रस्त है।
ज्ञात हो कि नगर परिषद के कर्मचारी कभी भी इस चीज को देखने के लिए नहीं आते हैं। जबकि वार्ड पार्षद इन्हीं रस्तों पर आवागमन भी करते हैं। क्या इस वार्ड नंबर 18 में साफ -सफाई की भी जरूरत नहीं है?
गाँव के आंनद कुमार मंडल ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों की मदद से वार्ड परिषद को इस ओर कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया। बार -बार बताया गया है कि हमारे वार्ड में बहुत परेशानी हो रही है। नाली के समस्या के समाधान हेतु मदद की पुकार लगाई गई। परंतु नगर परिषद के कोई भी हुक्मरान किसी भी बात को सुनने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि परिषद के अधिकारी और कर्मचारी क्या सिर्फ मोटी तनख्वाह पाने के लिए ही बैठे हैं ? या जनसमस्याओं के प्रति उनकी कुछ ज़िम्मेदारी भी बनती है।
वार्ड 18 के प्रतिनिधि सह वार्ड सदस्य किशोर ओझा उर्फ पुटुश ओझा ने नाली जाम की समस्या का ठीकरा नगर परिषद के पदाधिकारियों पर फोड़ते हुए कहा कि इस ओर पदाधिकारियों का ध्याम कई बार आकृष्ट कराने की कोशिश की गई। परंतु किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। किशोर ने परिषद अध्यक्ष, नगर प्रबंधक और इंजीनियरिंग सेल प्रबंधन पर कई आरोप भी लगाए।
बहरहाल इस कोरोना काल में नया टोला गाँव के निवासी इस गंदगी में नर्क भोगने को मजबूर हैं। गाँव के निवासियों ने वार्ड पार्षद और नगर परिषद के कर्मचारियों से इस समस्या के समाधान हेतु गुहार लगाई है। देखना दिलचस्प होगा कि नगर परिषद इस खबर पर संज्ञान लेगा या कुंभकर्णी नींद ही सोता रहेगा।