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धनबाद में नक्सली वारदात पर लगा विराम, स्थानीय लोगों की मदद से मिली सफलता

धनबाद। कोयला राजधानी के रूप में जाना जाने वाला धनबाद धीरे-धीरे नक्सल प्रभावित भी हो गया था। जिले के टुंडी, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, मानियाडीह और हरिहरपुर थाना क्षेत्र के दर्जनों गाँवों में नक्सली मूवमेंट होने लगे थे। स्थिति यह थी कि रात की बात तो दूर दिन में भी लोग इन इलाकों में जाने से डरते थे। लेकिन अब हालात बदले हैं। नक्सली गतिविधियों पर लगभग रोक लग चुकी है। जिला पुलिस को यह सफलता स्थानीय लोगों की मदद से मिली है।

जिले में नक्सली घटना लगभग समाप्त हो गई है। यही वजह है कि वर्ष 2020 और 2021 में अब तक जिले के किसी थाने में नक्सली घटना से संबंधित प्राथमिकी दर्ज नहीं कि गई है। पुलिस ने वरीय अधिकारियों ने बताया कि जिला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल की ओर नक्सली संगठनों से जुड़े युवाओं को मुख्यधारा में लाया। इसका परिणाम है कि धीरे-धीरे नक्सली वारदात कम होने लगे।

जानकारी देते एसएसपी आधा दर्जन थाना क्षेत्र था नक्सल प्रभावितटुंडी, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, मानियाडीह और हरिहरपुर थाना क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ था. स्थिति यह थी कि प्रत्येक महीने एक-दो नक्सली घटनाएं होती, जिसमें कभी स्थानीय लोग तो कभी पुलिस वाले शिकार होते थे, जिले में नक्सली पोस्टर चिपकाना आम बात थी। लेकिन, पिछले दो वर्षों के आंकड़े देखने से पता चलता है कि एक भी नक्सली घटना नहीं हुई है और ना ही कोई नक्सली वारदात से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह सिर्फ धनबाद के लिए नहीं, बल्कि झारखंड के लिए अच्छी खबर है। एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से जिला पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने सराहनीय काम किया है।

Last updated: सितम्बर 22nd, 2021 by Arun Kumar