प्रखंड के प्रसिद्ध बुढ़ैई नवान्न मेला पर भक्ति का माहौल है। तीन दिवसीय इस मेले के दूसरे दिन मंगलवार को झारखंड, बिहार व बंगाल के विभिन्न इलाकों से भक्तों का सैलाब बुढ़ई पर्वत पर उमड़ पड़ा। हजारों भक्तों द्वारा मनोकामना पूरी होने पर बुढ़ेश्वरी व तिलेश्वरी माता केमंदिर में बकरे व काड़ा (भैंसा) की बलि दी गयी। साथ ही अनेक बच्चे-बच्चियों का मुंडन कराया गया।
इधर मेले में खाने-पीने से लेकर कृषि उपकरण, घरेलू इस्तेमाल के सामान के सामानों की खरीदारी हुई। लोगों के मनोरंजन के लिए सर्कस, जादू, संताल जात्रा आदि आदि की व्यवस्था है। विभिन्न धर्म-संप्रदाय के लोगों ने पतरो नदी के किनारे बुढ़ई पर्वत पर लगनेवाले इस मेले का जमकर आनंद उठाया। इधर मेले पर प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह दंडाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी.
पकौड़े से लोहे के सामानों की खूब बिक्री हुई. बच्चों व महिलाओं ने पहाड़ भ्रमण का खूब लुत्फ उठाये. कई जगहों पर मनोरंजन के लिए जादू का प्रदर्शन भी हुआ. पर्वत पर लगने वाला अनूठा मेला मेला है. यहाँ पर आवश्यकता की लगभग सारी वस्तुएं व्यवसायियों द्वारा उपलब्ध करायी गयीं. लोहे के सामानों के अलावा पत्थर के बने सामानों के लिए यह मेला प्रसिद्ध है.
पत्थर की घरेलू चक्की, नाद, चौखट, शील, पाटी आदि आकर्षण का केंद्र रहा. लोहे के बने सामान तलवार, गड़ाशा, तीर, भाला, हसुआ, कचिया, ढिबरी, चाकू की जम कर लोगों ने खरीदारी की. नवान्न के दूसरे दिन पहाड़ पर जमकर बलि पूजा तिलेश्वरी व बुढ़ेश्वरी मंदिर में हुई.
जाम से लोगों को हुई परेशानी
मेले को लेकर बुढ़ई मोड़ से मंदिर तक जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रही। जाम के कारण दोपहिया, चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लग गयी। जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ा। हालांकि यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई थी। लेकिन भारी भीड़ के कारण पुलिस भी असहाय नजर आई।