Site icon Monday Morning News Network

उगाई जा सकने वाली और पर्यावरण अनुकूल राखी

ऊगा सकने वाली राखी

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के स्वायत्त संगठन ट्राइफेड द्वारा पर्यावरण अनुकूल राखियों की बिक्री की जा रही है। ये राखियाँ ट्राइफेड की खुदरा दुकानों ट्राइब्स इंडिया की सभी शाखाओं तथा मंत्रालय के वेब पोर्टल Tribesindia.com के अलावा अमेजॉन, स्नैपडील, पे-टीएम तथा फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स पोर्टलों पर भी उपलब्ध हैं। राखियों के अलावा इन ई-कॉमर्स पोर्टलों पर रक्षा बंधन के अवसर पर विशेष पारम्परिक परिधानों की बिक्री भी की जा रही है।ट्राइफेड की राखी के त्यौहार के लिए इस बार की थीम है

“चलिए इस बार हम पर्यावरण अनुकूल और उगाई जा सकने वाली राखियाँ बांधकर पर्यावरण के प्रति अपनी जवाबदेही और लगाँव को व्यक्त करें।“ट्राइफेड की ओर से पेश किए गए ये सभी उत्‍पाद कपड़े और सीड पेपर से बनाए गए हैं। इन सीड पेपरों को मध्य प्रदेश के ओरछा की साहरिया आदिवासी महिलाओं ने बनाया है। इनमें तुलसी और गेंदे के बीजों का प्रयोग किया गया है। इसलिए इन्हें उगाया जा सकता है।ट्राइफेड ने इन राखियों के जरिए लोगों तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रभावी तरीके से पहुँचाने की कोशिश की है। साहरिया आदिवासी समुदाय के अलावा राखियाँ बनाने के काम में हिमाचल प्रदेश की जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं को भी जोड़ा गया है।

Last updated: अगस्त 10th, 2018 by News Desk