पश्चिम बंगाल के तीन जिलो को आर्सेनिक और फ्लोराइड जल की समस्या से मिलेगा छुटकारा
भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पश्चिम बंगाल के तीन जिलों के 1.65 मिलियन लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 240 मिलियन डॉलर ऋण समझौते पर आज हस्ताक्षर किए। ये तीन जिले आर्सेनिक, फ्लोराइड और लवणता से प्रभावित है।
समझौते पर पश्चिम बंगाल पेयजल क्षेत्र सुधार परियोजना से संबद्ध अतिरिक्त सचिव फंड बैंक एवं एडीबी, आर्थिक मामलों के विकास वित्त मंत्रालय (भारत सरकार) समीर कुमार खरे और कैनिची योकोयामा (कंट्री डायरेक्टर एडीबी रेजिडेंट मिशन) ने हस्ताक्षर किए। पश्चिम बंगाल की अधिकतम ग्रामीण आबादी भूमिगत जल पर निर्भर है जिसकी वजह से आर्सेनिक और फ्लोराइड दूषित जल पीने से कैंसर और अस्थि रोगों का सामना करना पड़ रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य इन तीनों जिलों-बांकुड़ा, उत्तर चौबीस परगना और पूर्वी मेदिनीपुर के 390,000 घरों को मीटर कनेक्शन उपलब्ध कराकर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर श्री खरे ने कहा इन परियोजना के माध्यम से आर्सेनिक और फ्लोराइड जल का सेवन करने की समस्या से छुटकारा पाने में सहायता मिलेगी। श्री योकोयामा ने अपने संबोधन में कहा कि दूषित भूमिगत जल से होने वाले रोगों के भार में कमी करने के अलावा यह परियोजना मीटरीकृत जल परियोजना को बढ़ावा देगी और उसमें जल प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीक का प्रबंध किया गया है।
इस परियोजना को जापान फंड फॉर पॉवर्टी रिडक्शन, जापान सरकार की ओर से तीन मिलियन डॉलर तथा एडीबी के अर्बन क्लाइमेंट चेंज रिज़िल्यन्स ट्रस्ट फंड की ओर से दो मिलियन डॉलर की अनुदान राशि दी गई है।
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