तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी, चिकन दुकान मे काम करने को मजबूर
तीरंदाज़ अनिल को मदद की आस
झारखंड के सराईकेला जिला के पिंड्राबेड़ा निवासी कृष्णा लोहार के बेटे अनिल लोहार तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी है और सीनियर नेशनल में ग्रुप मैडल भी ले चुके है।
अनिल काफी वर्षों से तीरंदाजी की प्रैक्टिस कर रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन भी रहा है लेकिन गरीबी की वजह से अपना कीट नहीं खरीद पा रहे हैं । अनिल लोहार को अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने के लिए मेटल वाली कीट चाहिए जिसकी कीमत लाखों की होती है लेकिन अनिल के पास पैसे नहीं है।अनिल की आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब है कि परिवार का गुजारा करने के लिए वह चिकन की दुकान पर चिकन काटने का काम कर रहा है ।
झारखण्ड में ऐसे कई खिलाडी है जिनके पास हुनर होते हुए भी उनको आगे बढ़ने के लिए खेल विभाग से या सरकार से मदद नहीं मिलती । अनिल के इस हाल को देखकर मार्शल आर्ट खिलाडी सह बिश्व रिकॉर्ड होल्डर अमित मोदक आगे आये और अनिल को स्काउट एंड गाइड में ज्वाइन कराया और साथ में सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग भी दे रहे है ताकि अनिल को मार्शल आर्ट कोच बनाया जाए और स्कूल में कोच के रूप में नियुक्त करे ताकि पैसे की दिक्कत न हो और अपना खेल जारी रख सके ।
अनिल लोहार का सपना है कि वह भी तीरंदाजी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर में खेल पाए इसलिए सेल्फ डिफेन्स के साथ-साथ तीरंदाजी की प्रैक्टिस भी कर रहा है । अनिल अब भी इसी उम्मीद में है कि खेल एसोसिएशन या सरकार की तरफ से कीट खरीदने में मदद मिलेगी। अमित मोदक ने भी कहा कि हमें खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए और सरकार को आगे आना चाहिए ऐसे खिलाड़ियों को आगे लाने में ।
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