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झापा पंचायत भवन में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया

चौपारण प्रखण्ड के झापा में बेटी दिवस मनाया गया। बहन तो प्यार का दर्पण, स्त्री पत्नि समर्पण की देवी भाभी तो भावना का भंडार, मौसी फुआ मामी तो स्नेह का सत्कार, स्त्री चाची तो कर्तव्य की साधना, स्त्री साथी तो सुख की सतत संभावना और स्त्री माँ तो साक्षात परमात्मा, बातें आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में अध्यक्ष मुखिया सह प्रधान पूर्णिमा देवी ने कहा।

उन्होंने कहा कि,“नारी के सहयोग के बिना हर बदलाव अधूरा है,”आज देश की बेटियाँ लगभग हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है, एक ऐसा दौर था जब लोग बेटियों को कोख में ही मर दिया जाता था, अगर बेटी का जन्म हुआ भी तो बाल विवाह में धकेल दिया जाता था। बेटा बेटी में अंतर रखा जाता था, मुखिया ने कहा कि किसी कवि ने कहा है,”जेही कोखिया बेटा जन्मे कोखियाँ बेटियाँ दुरंग नीतियां, काहे कैला ये बाबूजी दूरंग नीतियां। बेटा और बेटी में भेदभाव, उनके साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ देश की आजादी के बाद से ही भारत सरकार प्रयासरत थी।

बेटियों को देश की प्रथम पायदान पर लाने के लिए कई योजनाएँ और कानून लागू किए गए। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने की शुरूआत हुई, इसलिए प्रति वर्ष 24जनवरी को पूरा राष्ट्र बालिका दिवस मनाता है, ताकि बालिकाएं अपनी वजूद को समझे,अपनी ताकत को पहचाने, मुखिया पूर्णिमा देवी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर झापा पंचायत के सभी बालिकाओं को हार्दिक शुभकामनायें दी है।

मौके पर सांसद प्रतिनिधि मुकुंद साव, विधायक प्रतिनिधि केशरी नायक, वार्ड सदस्य ज्योति देवी रामबृक्ष राणा जाबिर अली, अन्य लोगों में रीता देवी, यशोदा देवी, संगीता देवी, कांति देवी, नाजमून खातून, कंचन देवी, हेमंती देवी, अनीता देवी, बिन्दा देवी, सुनीता देवी, मुनि देवी, कुलेश्वरी देवी, चिंता देवी, रीता देवी जीरा देवी, मुन्ना देवी, मीना देवी, मालती देवी सहित बड़े पैमाने पर महिला पुरुष शामिल थे।

Last updated: जनवरी 24th, 2022 by Aksar Ansari