नारायणा स्कूल में पढ़ाई नहीं होने से आक्रोशित छात्रों ने किया तोड़फोड़

विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय में तोड़-फोड़ कि घटना के दिन कि तस्वीर

दुर्गापुर : न्यू टाउनशिप थाना अंतर्गत विधाननगर के समीप नारायणा स्कूल में छत्रों ने खूब तोड़ – फोड़ एवं हँगामा किया ।

ग्यारहवीं और बारहवीं के हॉस्टल के छात्रों ने किया हंगामा ।

मोटी फीस के बावजूद स्कूल में पढ़ाई नहीं होने सेआक्रोशित थे छात्र

घटना बीते शनिवार 8 जुलाई की है।

रूम के अंदर की Ac,  बैठने के लिए बेंच कंप्यूटर LCD, CCTV कैमरा सहित किताब फाइल सब निकाल कर बाहर फेंक दिया

 

मंहगी फीस एवं पढ़ाई न होने से आक्रोशित छात्रों ने कक्षा की आलमारियाँ, कुर्सी, बेंच इत्यादि सब बाहर फेंक दिया
छात्रों द्वारा बाहर फेंकी गयी आलमारियाँ, कुर्सी, बेंच इत्यादि

एक विद्यार्थी की पिटाई ने भड़का दिया गुस्सा

छात्रों ने बताया कि स्कूल के डायरेक्टर माधवाचार्य ने एक छात्र इम्तियाज आलम को पिटाई की वो भी बिना कारण ।

उसके बाद उस छात्र को इलाज के लिए गाड़ी मांगने गए थे तो स्कूल के डीजीएम प्याली सेन गाड़ी देने से मना कर दिया।

उसके बाद ही छात्रों ने रात भर किसी तरह हॉस्टल में समय बिताया।

सुबह होते ही स्कूल में घुसकर सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकाल दिया ।

उसके बाद स्कूल के अंदर तोड़फोड़ कर डाली।

 इसके अलावा डायरेक्टर की गाड़ी को भी पलट दिया गया.

महंगी फीस एवं पढ़ाई न होने से विद्यालय के डाइरेक्टर की गाड़ी भी पलट दी
विद्यालय के डाइरेक्टर की गाड़ी भी पलट दी

 

गेट के समक्ष सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे उसे भी तोड़ डाला।

बच्चों के खेलने के लिए जितने समान थे सब तोड़ डाले गए ।

छात्र काफी आक्रोश में थे ।

शिक्षक की कमी से पढ़ाई नहीं हो पाती  है

घटना के कुछ देर बाद पुलिस पहुंची और छात्रों को शांत कराया।

छात्रों से पूछे जाने पर बताया कि स्कूल में केवल पैसा एंठा जा रहा है।

पढ़ाई के नाम पर कुछ नहीं है।

शिक्षक आते हैं और घर जाते हैं।

शिक्षकों को नहीं मिलता है उचित वेतन

छात्रों ने बताया कि

जो शिक्षक आते हैं उसे 2 से 3 महीना के बाद चले जाना पड़ता है।

कारण उसे वेतन समय पर नहीं दिया जाता ।

जिसके फलस्वरुप बच्चों का कोर्स कंप्लीट नहीं होता है।

जिसके फलस्वरुप परीक्षा में नंबर बहुत कम मिलता है।

स्कूल के प्रबंधन उस नंबर को गार्जियन के समक्ष देकर छात्रों को दोष देते हैं।

4 लाख रुपया सालाना लेते हैं फीस

इसके अलावा गार्जियन मनीषा चंद्र ने बताया कि 11 और 12 वीं में में पढ़ने के लिए 4 लाख रुपया का पैकेज लिया जाता हैं ।

उसके बाद भी ठीक से पढ़ाई नहीं होती है।

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Last updated: सितम्बर 1st, 2017 by Pankaj Chandravancee

Pankaj Chandravancee
Chief Editor (Monday Morning)
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