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नाराज झमाडा कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी किया प्रदर्शन

*चार महीनो से वेतन न मिलने से नाराज झामाडा कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, दिया हड़ताल की चेतावनी*

जोड़ापोखर । चार महीने से वेतन न मिलने से नाराज झमाडा तथा नगर निगम के कर्मचारी व मजदूर रविवार को अमलेश कुमार तथा सुभाष रावत के नेतृत्व में वेतन की मांग को लेकर जामाडोबा झमाडा वाटर बोर्ड जल संयंत्र कार्यालय में एमडी सह नगर आयुक्त रवि राज शर्मा के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान वेतन नही तो काम नहीं का नारेबाजी किया। कर्मचारियों ने अधिकारियो पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। सुभाष रावत ने कहा की पहले का वेतन तो अभी तक नहीं मिला है, इधर सितम्बर माह से लगभग 200 कर्मचारियों का वेतन रोक कर रखा गया है। कुल 30 महीने का वेतन अभी तक बाकी है। झमाडा एमडी सह नगर आयुक्त से वेतन की मांग कई बार की जा चुकी है, परन्तु सिर्फ आश्वाशन दिया जाता है। हर बार एमडी के तरफ से एक दो दिन में वेतन देने की बात कही जाती है, परन्तु नतीजा कुछ नहीं निकलता है। वेतन नहीं मिलने से हमलोगों के समीप भुखमरी की स्थिति बन गई है। बच्चो की फ़ीस तथा घर का राशन पर आफत आ चुकी है। उन्होंने कहा की अगर सभी कर्मचारियों का वेतन दो दिनों के अन्दर नहीं की जाती है तो मजबूरन हमलोग हड़ताल के लिए बाध्य होगे। जिसकी सारी जिम्मेवारी झमाडा तथा नगर निगम के उच्च अधिकारियो की होगी। हम ही लोग प्लांट चलते है और हमें ही वेतन नहीं मिलता है। अधिकारी को वेतन मिलता रहता है, लेकिन मजदूर की सुनने वाला कोई नहीं है। बताते चले की धनबाद जिले के झरिया के जामाडोबा स्थित झमाडा जल संयंत्र केंद्र से लाखो की आबादी को पीने का पानी का उपलब्ध कराने वाले कर्मचारी तथा मजदूर का आर्थिक स्थिति को आज देखने वाला कोई नहीं है। झरिया के लोगो को पानी की किल्लत न हो इसके लिए दिन रात मेहनत करते है। इसके बावजूद झमाडा तथा नगर निगम के उच्च अधिकारियो के उदासीन रवैये के कारण कई महीनो से वेतन न मिलने पर यहाँ के कर्मचारी आज भुखमरी के कगार पर पहुँच गए है। विरोध प्रदर्शन में सुभाष रावत, अमलेश कुमार, सोहराय महतो, सुभाष, जमील अख्तर, निमाई रवानी, सुरेंद्र यादव, राजेश महतो, सोनू तुरी, रौशन वर्णवाल, अखिलेश यादव, नासिर अंसारी आदि थे।

*अगर हड़ताल होती है तो लाखो की आबादी को पानी की किल्लत से जूझना होगा*

वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारी हड़ताल की चेतवानी दिया है। झरिया कोयलांचल के लाखों लोग जामाडोबा के झमाडा जल संयंत्र केंद्र से होनेवाली जलापूर्ति पर निर्भर है । कर्मियों की चेतावनी को झमाडा प्रबंधन ने अगर गंभीरता से नहीं लिया तथा कर्मियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का निबटारा नहीं किया गया तो कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की स्थिति में झरिया एवं आसपास क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा ।

*उच्च नयायालय के आदेश को भी नहीं मानते है झमाडा के अधिकारी*

झारखण्ड के उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद झामाडा के अधिकारी की लापरवाही के कारण कर्मचारी को पीएफ का पैसा भी समय से नही दिया जा रहा है। जबकि उच्च नयायालय का साफ आदेश है की कर्मचारियों का पीएफ का जो भी पैसा बकाया है, हर महीने 50,000 रूपये का भुगतान किया जाय। लेकिन जब कर्मचारी पीएफ के पैसे की मांग करते है तो सिर्फ आश्वाशन मिलता है। अधिकारी उच्च न्यायलय का आदेश को भी नहीं मानते है।

संवाददाता – शमीम हुसैन

Last updated: दिसम्बर 1st, 2024 by Arun Kumar